रेखराज साहू,महासमुंद। छत्तीसगढ़-ओडिशा बार्डर गांजा तस्करी के नाम से मशहूर है. ज्यादातर तस्करी महासमुंद के रास्ते होते से ही किए जाते हैं. लेकिन एसपी प्रफुल्ल ठाकुर ने मोर्चा संभालते ही कई ताबड़तोड़ कार्रवाई की है. जिससे तस्कर भी अब इस रास्ते से गुजरने से पहले कई बार सोचने होंगे. एसपी ने एक बार फिर तस्करों के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए एक ट्रक से 10 क्विंटल गांजे के साथ 2 आरोपी को गिरफ्तार किया है. गांजे की कीमत 2 करोड़ रुपए आंकी गई है. महासमुंद पुलिस की गांजा तस्करी के खिलाफ अब तक की यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है.
दीपावली त्योहार के मद्देनजर पुलिस अधीक्षक प्रफुल्ल कुमार ठाकुर ने सभी थाना प्रभारियों को विस्फोटक सामग्री, नशीली पदार्थ, अवैध शराब और अवैध गांजा की तस्करी करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. यही वजह है कि पुलिसवाले भी पहले से ज्यादा एक्टिव हो गए हैं. पुलिस को सूचना मिली थी कि ओडिशा के सीमावर्ती जिला बरगढ़ होते हुए सिंघोडा-सरायपाली के रास्ते गांजे की तस्करी होने वाली है. जिस पर सिंघोडा थाने की टीम ने तत्काल राष्ट्रीय राज्य मार्ग 53 पर नाकेबंदी कर दी.
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इसी बीच एक वाहन टाटा क्रमांक सीजी 17 एच 2027 तेज रफ्तार में ओडिशा से आ रही थी. जिसे रेहतीखोल बार्डर के पास रोका गया. उनके पूछताछ करने पर बताया कि ओडिशा से आ रहे हैं और मध्यप्रदेश के अमरकंटक जाना है. ट्रक में नारियल की बोरिया रखी हुई थी, लेकिन उसके नीचे 33 बोरियों में गांजा भरा मिला, जो कि 990 पैकेट में कुल 10 क्विंटल 5 किलो था. जिसकी कीमत 2 करोड़ 1 लाख रुपए आंकी गई है. पुलिस ने ओडिशा निवासी आरोपी अशोक कुमार देहुरी (26 वर्ष) और अशोक कुमार साहू (27 वर्ष) के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है.