बिलासपुर रेलवे स्टेशन में एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया. इस मामले में रेलवे ने दो स्टेशन मास्टर को सस्पेंड कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक रायगढ़-गोंदिया झारसुगड़ा पैसेंजर मंगलवार को दोपहर बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर ही भयंकर दुर्घटना होने से बची. उसे जिस प्लेटफार्म पर आने का सिग्नल दिया गया था उस प्लेटफार्म पर पहले से छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस का खाली रैक खड़ी थी.
ऐसा आरआरआई केबिन के स्टेशन मास्टरों की लापरवाही की वजह से हुआ है. जिसके कारण देर रात जांच के बाद डीके स्वर्णकार और केके सिन्हा की लापरवाही सामने आई, उन्हें तत्काल सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं कंट्रोलिंग वाले स्टेशन मास्टर राघव राव से भी पूछताछ की जा रही है.
लोको पायलट की समझदारी से टला हादसा
जानकारी के मुताबिक दोपहर करीब 1.20 बजे रायगढ़ से झारसुगड़ा जाने वाली जेडी पैसेंजर बिलासपुर आ रही थी. उसे 4 नंबर प्लेटफार्म पर लिए जाने की सूचना ट्रेन के लोको पायलट को दी गई थी. चुचुहियापारा ओवरब्रिज से पहले होम सिग्नल पार करते ही ट्रेन ने पटरी चेंज की तो लोको पायलट को आशंका हुई कि ट्रेन गलत ट्रैक पर जा रही है. उसने तत्काल ट्रेन रोकी और बिलासपुर के स्टेशन मास्टर को इसकी सूचना दी. सूचना आरआरआई केबिन को भी दी गई. जेडी पैसेंजर ट्रैक बदलकर जिस ट्रैक पर आ रही थी वह प्लेटफार्म नंबर पांच वाली ट्रैक थी और उस पर पहले से छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस की खाली रैक खड़ी हुई थी. इसकी सूचना मिलते ही स्टेशन में हड़कंप मच गया. स्टेशन मास्टर तत्काल अन्य अधिकारियों के साथ मौके पर पहुंचे और ट्रेन को पीछे कराया और आरआरआई केबिन को सूचना देकर पाइंट लाइन सही कराई. इस बीच शंटर को सूचना देकर 5 नंबर प्लेटफार्म पर खड़ी छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस की खाली रैक को कोचिंग डिपो रवाना किया.