वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर। हाईकोर्ट ने प्रदेश में हुए नागरिक आपूर्ति निगम (नान) में घोटाले के आरोपी पूर्व मैनेजर शिवशंकर भट्‌ट की महिला मित्र और ब्यूटी पार्लर संचालिका की याचिका खारिज कर दी है. महिला ने एंटी करप्शन ब्यूरो के केस दर्ज करने के बाद आरोप तय करने के खिलाफ आपराधिक पुनरीक्षण याचिका (रिवीजन पिटीशन) लगाई थी. लेकिन मामले में हाईकोर्ट ने माना है कि ब्यूटी पार्लर संचालिका ने नान के पूर्व मैनेजर की अवैध कमाई को निवेश करने का षड्यंत्र किया और याचिका खारिज कर दी है.

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बता दें, कि नागरिक आपूर्ति निगम में घोटाले की शिकायत पर एंटी करप्शन ब्यूरो और ईओडब्ल्यू ने नान के मुख्यालय समेत कई अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस दौरान पूर्व मैनेजर शिवशंकर भट्‌ट के आवास सहित अन्य ठिकानों पर भी दबिश दी थी. ईओडब्ल्यू की जांच में सामने आया कि भट्ट ने 3.89 करोड़ की अवैध संपत्ति जुटाई थी, जो उसकी वास्तविक आय से कई गुना अधिक थी. जांच में पता चला कि पूर्व मैनेजर शिवशंकर भट्ट की महिला मित्र मधुरिमा शुक्ला ब्यूटी पार्लर चलाती है. उसने उसकी अवैध कमाई को निवेश कर षड्यंत्र किया है. लिहाजा, उसे भी सहआरोपी बनाया गया. 

आय 24 लाख, जब्त की गई संपत्ति 1 करोड़ 60 लाख 

एसीबी ने जांच के दौरान मधुरिमा के पास से 1.60 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. जबकि उसकी आय मात्र 24 लाख रुपए थी. इस मामले में चार्जशीट पेश होने के बाद स्पेशल कोर्ट ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(ई), 13(2) और आईपीसी की धारा 120-बी के तहत आरोप तय किए हैं. जिसके खिलाफ मधुरिमा ने हाईकोर्ट में आपराधिक पुनरीक्षण याचिका लगाई थी.

आरोपी मधुरिमा ने याचिका में कहा है कि उसे सुनियोजित तरीके से फंसाया गया है. उसके खिलाफ लगाए गए आरोप आधारहीन हैं. हालांकि मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एसीबी से दस्तावेज मंगाए. जिसकी जांच के बाद पाया कि मधुरिमा के पास 1.60 करोड़ रुपए की संपत्ति मिली. जबकि उसकी कुल वैध आय सिर्फ 24.74 लाख थी. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है.