रायपुर- छत्तीसगढ़ भाजपा की पूर्ववर्ती रमन सरकार ने पीईटी, पीएमटी के छात्रों का भविष्य अंधकार में डाला है। भाजपा का वर्ष 2019 में पीईटी परीक्षा में अनुपस्थित छात्रों को लेकर चिंता व्यक्त करना घड़ियाली आंसू बहाने के बराबर है. भाजपा 6 हजार पीईटी छात्रों के अनुपस्थित होने का दावा कर प्रदेश के युवाओं से भविष्य को लेकर खिलवाड़ की बात कर रही है जिस पर तीखा पलटवार करते हुये प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा है कि भाजपा के द्वारा 6 हजार परीक्षार्थी के आंकड़ों का दावा गलत है. वर्ष 2019, 16 मई को पीईटी छात्रों की कुल संख्या 18,675 है, जिसमें 15,049 परीक्षार्थियों ने भाग लिया है जिसमें 3,626 परीक्षार्थियों ने हिस्सा नहीं लिया.

यह कोई नया आंकड़ा नहीं है. ऐसा इसलिये संभव दिखाई पड़ता है कि छात्रों ने पीईटी परीक्षा के लिये आवेदन किया और जेईई के परिणाम पहले आ गए जिससे कई छात्रों ने फार्म भरने के बाद पीईटी परीक्षा में भाग नहीं लिया. वर्तमान में अनुपस्थित छात्रों का आंकड़ा कोई नयी बात नहीं है. भाजपा रमन सरकार के वर्ष 2015, 21मई में 7,416 – वर्ष 2016, 12मई में 4,714, वर्ष 2017, 1जून में 3,718, वर्ष 2018, 18मई में 2,929 परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे है। भाजपा यह बतायें कि उक्त आंकड़ों का क्या जवाब है, तत्पश्चात बेबुनियाद झूठे आंकड़ों के सहारे कांग्रेस की सरकार पर आरोप लगाने के लिये माफी मांगे.

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुये कहा कि छत्तीसगढ़ पीएमटी का सबसे पहला बड़ा घोटाला 2010-11 में उजागर हुआ. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित पीएमटी घोटाला 2011 की हकीकत आज तक पर्दे से बाहर नहीं आ सकी है. व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षा का पर्चा एक दिन पहले यूपी के गिरोहबाजो को मिल गया था। पर्चा लीक करने और खरीदने वाले सारे आरोपी पकड़े गए, लेकिन पर्चा बेचा किसने? कहां से लीक हुआ? प्रिंटिग प्रेस की भूमिका? ये राज अब तक नहीं खुला. पुलिस की जांच पर्चा लीक करने वाले दीनाराम और बेदीराम बंधुओं पर जाकर ठहर गई. इन्हीं दोनों को मास्टर माइंड माना, लेकिन उन्हें पर्चा मिला कहां से पुलिस ये पता नहीं लगा सकी.

पर्चा लीक करने वाले गिरोहबाजों ने करोड़ो का वारा न्यारा करने का तगड़ी प्लालिंग की थी.गिरोहबाजो ने बिलासपुर जिले के मुंगेली के ऐसे सामुदायिक भवन का चयन किया जहां, कम भवन का चयन किया जहां, कम लोग आते जाते हैं. उसे किराये पर लेकर पर्चे जिन उम्मीदवारों को बेचे गए थे, उन्हें परीक्षा के एक दिन पहले बुलाया गया। वहां उन्हें पर्चे देकर हल करवाए जा रहे थे. गिरोह के पकड़े गये सदस्यों के तार भारतीय जनता पार्टी और उनके मंत्रियों से मिले हुये थे. प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ-साथ वर्तमान राज्य सरकार के मंत्री मोहम्मद अकबर ने पत्रकारवार्ता कर अनेक बिन्दुओं पर सवाल पूछे थे, जिसका जवाब आज भी निरूत्तर है.