रायपुर। महाशिवरा़ित्र के दिन भगवान भोलेनाथ की पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से पूजा करने से सभी मनोकामना पूरी होती है. देवों के देव महादेव की पूजा में जलाभिषेक के अलावा बेलपत्र का विशेष महत्त्व है. कहा जाता है कि बेलपत्र बिना पूजा अधूरी रहती है.

तीन दलों से युक्त एक बिल्वपत्र जो भगवान शिव को अर्पित करते हैं, तो यह हमारे तीन जन्मों के पापों का नाश करता है. दूध, चमेली, बेला और श्वेतार्क के पुष्प तथा श्वेत चंदन भगवान शिव को अर्पित करने से स्वास्थ्य और समृद्धि में बढ़ोतरी होती है. मनोवांच्छित फल पाने के लिए भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें. मानसिक एकाग्रता के लिए दूध से एवं सर्वसिद्धि के लिए गंगाजल से भगवान शिव का अभिषेक करें.

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इस बार महाशिवरात्रि पर्व महासंयोग लेकर आ रहा है. इस दिन दोपहर 2ः39 बजे त्रयोदशी और चतुर्दशी का मेल होगा और यही समय शिवरात्रि का श्रेष्ठ पुण्यकाल होगा. त्रयोदशी की उदया तिथि में शिवयोग तो प्रदोष व रात्रि में सिद्ध योग का दुर्लभ संयोग होगा. महाशिवरात्रि के दिन ब्रह्मांड में दिव्य ऊर्जाएं चरम पर होती हैं. इसलिए शिवरात्रि को की गई पूजा-अर्चना, जप दान आदि का फल कई गुना होता है.