Chhattisgarh News: प्रतीक चौहान, रायपुर/कोरबा. छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में शनिवार को एक बड़ा हादसा होने से टल गया. बिलासपुर-कोरबा मेमू ट्रेन गलत सिंग्नल के कारण कोयला खदान में पहुंच गई जिसके बाद हड़कंप मच गया. ट्रेन साइडिंग के भीतर पहुंचती इससे पहले ही लोको पायलट ने इमरजेंसी ब्रेक लगा दी. मामले में दो अधिकारी पर कार्रवाई की बात कही जा रही है.


सूत्रों के मुताबिक सुबह दस बजे की मेमू लोकल बिलासपुर से छूटकर करीब 11.30 बजे कोरबा पहुंचती है. कोरबा से गेवरा के लिए रवाना होती. यही ट्रेन गेवरा से 1.10 बजे छूटकर कोरबा आती है और कोरबा से दोपहर 1.30 बजे बिलासपुर के लिए रवाना होती है. शनिवार की सुबह जब यह ट्रेन कोरबा से गेवरारोड रेलवे स्टेशन के लिए निकली, तो गेवरा स्टेशन की बजाय कमका साइडिंग (न्यू कुसमुंडा कोल लोडिंग प्वाइंट) में घुस गई. कोरबा व गेवरा स्टेशन के बीच न्यू कुसमुंडा साइडिंग को ही कमका साइडिंग कहा जाता है, जहां सेलो के माध्यम से मालगाड़ियों में कोयला लदान होता है. अचानक रेलवे स्टेशन की बजाय कोयला साइडिंग में ट्रेन के घुस आने से महकमें में हड़कंप मच गया और जानकारी होने पर आला अफसर हरकत में आए.
इस घटना के लिए फिलहाल दो अधिकारियों पर सस्पेंड करने की खबर मिली है, पर वह किस जगह पदस्थ रहे, इसकी जानकारी नहीं मिली है.
See Video
क्लीयरेंस की त्रुटि को बता रहे कारण
सूत्रों के अनुसार लाइन क्लीयरेंस को लेकर किसी प्रकार की त्रुटि के चलते ऐसा हुआ और इस घटना के लिए जिम्मेदारी तय करते हुए रेल प्रशासन द्वारा स्टेशन मास्टर को सस्पेंड कर दिए जाने की खबर भी आ रही है.
असमंजस में पड़ गए यात्री
चारों तरफ कोयला और मालगाड़ी देखने के बाद यात्री भी असमंजस में पड़ गए. पहले तो लगा की ट्रेन सही ट्रैक पर चल रही है. लेकिन जैसे ही ट्रेन कोयला लोडिंग साइड में जाकर ठहर गई सभी यात्री हैरान हो गए. करीब एक घंटे तक ट्रेन ट्रैक पर खड़ी रही जिसके बाद विभाग ने एक्शन लिया. विभाग को जैसे ही जानकारी मिली विभाग ने तुरंत ट्रेन को कोरबा वापस बुलाने का फैसला किया.