हिंदी-अँग्रेजी की साम्राज्यवादी ताकतों ने छत्तीसगढ़ी को शिक्षा का माध्यम बनने से रोका, क्योंकि ऐसा हुआ तो छत्तीसगढ़ियों का कब्जा सभी क्षेत्रों में हो जाएगा- नंदकिशोर शुक्ल