सुप्रिया पांडे,रायपुर। राजधानी की सड़कों पर भीख मांगने और सिग्नल पर समान बेचने वालों की संख्या बढ़ गई है. रायपुर की हर सिग्नल पर समान बेचने वाले लोग मिलते है. कोरोना काल में ट्रेन बंद होने की वजह से भी ज्यादा संख्या में लोग शहर की ओर आए है. ऐसे लोगों को पुनर्वास करने के लिए समाज कल्याण विभाग द्वारा शेल्टर होम के निर्माण करने की योजना बनाई जा रही है. जो दूसरे राज्य के हैं, उन्हें वापस भेजा जाएगा.

समाज कल्याण विभाग के अधिकारी भूपेन्द्र पाण्डेय ने बताया कि सिग्नल पर अभी बहुत सारे भिक्षुक देखने को मिल रहे है. बहुत जल्द हम उन्हें रेस्क्यू करने का काम करेंगे. उनके लिए शेल्टर होम का निर्माण किया जाएगा. भिक्षावृत्ति में संलिप्त लोगों का पुनर्वास किया जाएगा. जिससे उन्हें भिक्षावृत्ति से जल्द ही निजात मिल सके. कोरोना काल में बहुत से परिवार में ऐसी स्थिति निर्मित हुई है, जहां उनके पास संसाधन खत्म हो गए हैं. ऐसे परिवार भी है, जहां कोई व्यक्ति रोजगार करने के इच्छुक नहीं है, बल्कि वो ये सोचते है कि हमारे पास कम समय में अधिक से अधिक आय हो. इसलिए वे भीख मांगकर गुजारा करते है.

उन्होंने बताया कि एक महीने के अंदर इस योजना को लेकर हम शासन को प्रस्ताव भेजेंगे. कलेक्टर ने ये निर्देश दिए है कि एनजीओ के माध्यम से इस योजना का संचालन किया जाए. इस सेंटर के माध्यम से और रायपुर जिले ऐसे भिक्षुक जो वास्तव में भिक्षावृत्ति में लगे हुए उनके पुनर्वास का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा.

इसके साथ ही दूसरे राज्यों से आकर यहां भीख मांगने वालों की पहचान कर समाज कल्याण विभाग उन्हें उनके राज्य लौटाएगा.
ऐसे बच्चे जिन्हें समान बेचने पर मजबूर किया जाता है, उन्हें चिन्हांकित किया जा रहा है. जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, जो भिक्षा मांगने पर मजबूर है, उनका चिन्हांकन किया जाएगा. यदि भीख मांगने वाला किसी दूसरे राज्य का है, तो उनके राज्य के अधिकारियों से बात की जाएगी. छत्तीसगढ़ के भिक्षुकों को कौशल उन्नयन की व्यवस्था की जाएगी, उन्हें रोजगार दिया जाएगा.