रायपुर। छत्तीसगढ़ मंत्रालय में कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों में भारी आक्रोश देखने को मिल रहा है. इसकी वजह है कर्मचारियों का गोपनीय रूप से नियम विरूद्ध संविलियन की कार्यवाही किया जाना, जो नियमानुसार विधिसंगत नहीं है. जिसका बाकी अधिकारी-कर्मचारी विरोध जताते हुए इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है. इसके साथ ही मंत्रालय के 175 अधिकारी-कर्मचारियों ने हस्ताक्षरित पत्र मुख्य सचिव और सचिव सामान्य प्रशासन विभाग को सौंपा गया है.

ये लिखा है पत्र में…

  • मुख्य सचिव और सचिव सामान्य प्रशासन को लिखे पत्र में कहा गया है कि कार्य की आवश्यकताओं/कर्मचारियों की कमी/कार्य को सुचारू रूप से संचालन को दृष्टिगत रखते हुए मंत्रालय में अधीनस्थ कार्यालयों से कर्मचारियों को केवल अल्प अवधि के लिए ही संलग्न किया जाता है.
  • छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण पश्चात मंत्रालय में स्वीकृत संभी संवर्गों में लगभग सीधी भर्ती के माध्यम से भर्ती/पदोन्नति की कार्यवाही की जा चुकी है. वर्तमान में मंत्रालय में सभी संवर्गो के पद लगभग भरे हुए है.
  • पूर्व में वर्ष 2004 में मंत्रालय में जो संविलियन किया गया था वह तत्समय नवीन मंत्रालय के संचालन की आवश्यकता के अनुरूप था. वह कर्मचारियों की वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए सबसे कनिष्ठ पद पर किया गया है. जिससे मंत्रालय में पदस्थ कर्मचारियों की वरिष्ठता प्रभावित नहीं हुई हैं.
  • यदि संविलियन की कार्यवाही की जाती है, तो मंत्रालय में संविलियन किये जाने वाले संवर्ग में पदस्थ कर्मचारियों की वरिष्ठता/पदोन्नते प्रभावित होगी. तृतीय श्रेणी एवं चतुर्थ श्रेणी में पदस्थ कर्मचारियों की पदोन्नति भी प्रभावित होगी. जिससे कर्मचारियों में असंतोष और आक्रोश व्याप्त होगा.
  • यह बात भी प्रकाश में आई है कि संविलियन कार्यवाही कतिपय लोगों के हितसाधन के लिए की जा रही है, जो मंत्रालय में विभिन्न विभागों में संलग्न अन्य कर्मचारियों में या तो हताशा उत्पन्न करेगा या संविलियन की भारी संख्या में मांग को जन्म देगा. जिससे मंत्रालय में अव्यवस्था एवं कुप्रथा को बढ़ावा मिलेगा. इसलिए उक्त नियम विरूद्ध की जा रही संविलियन की कार्यवाही पर तत्काल रोक लगाई जाए.

हस्ताक्षरित पत्र