सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। छत्तीसगढ़ में आज से धान खरीदी की शुरुआत हो गई है. खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने धरसींवा विकासखंड के कुम्हारी गाँव के खरीदी केंद्र में पूजा कर खरीदी की शुरुआत की.

लल्लूराम डॉट कॉम पर बोले- इंतजार खत्म, किसानों का पूरा ध्यान

इस मौके पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में कहा कि आज से अन्नदाताओं का इंतजार खत्म हो गया है. धान बेचने और खरीदने की शुरुआत हो गई है. किसानों को किसी तरह की कोई परेशानी न हो इसका पूरा ध्यान रखा गया है. सभी खरीदी केंद्रों में समूचित व्यवस्था की गई है. किसानों खरीदी केंद्रों में लाइन न लगानी पड़े इसके लिए टोकन की व्यवस्था की गई है. टोकन मे दिए तारीख और दिन के हिसाब से केंद्र पहुँचकर अपना धान बेच सकेंगे.

सीमाओं पर विशेष निगरानी

उन्होंने यह भी कहा कि बाहरी राज्यों के धान प्रदेश में न पहुँच सके इसके लिए भी सीमाओं पर चाक-चौबंध व्यवस्था की गई है. सरकार की ओर से जाँच दल का गठन किया गया है. सभी जिलों में प्रशासन और पुलिस की टीम तैनात है. अधिकारियों का दल भी खरीदी केंद्रों में पहुँच कर व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे. वे स्वयं भी खरीदी केंद्रों में पहुँचतें रहेंगे जैसे कि आज पहुँचे. किसानों के बीच जाकर, उनसे बात कर व्यवस्था ठीक है या नहीं इसकी भी जानकारी लेते रहेंगे.


कांग्रेस ने की समितियाँ गठित 

वहीं किसान कांग्रेस के अध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस संगठन महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला ने बताया कि कांग्रेस की ओर से धान खरीदी सुचारू से रूप से जारी इसके लिए निगरानी समिति का गठन किया गया. जिला और ब्लॉक स्तर पर 11-11 सदस्यीय समितियाँ खरीदी केंद्रों में व्यवस्था संबंधी रिपोर्ट देते रहेंगे. किसानों को कोई परेशानी न हो इसका ख्याल रखेंगे. वहीं प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है जिससे खरीदी केंद्रों की जानकारी मिलते रहेगी.

1 दिसंबर से 31 जनवरी तक खरीदी

गौरतलब है कि समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 01 दिसम्बर से 31 जनवरी 2021 तक और मक्का की खरीदी 01 दिसम्बर से 31 मई 2021 तक करने के निर्देश दिए गए हैं. 01 दिसम्बर से प्रदेश में 2 हजार 305 धान खरीदी केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी शुरू की जाएगी। इस वर्ष 257 नए धान खरीदी केन्द्र बनाए गए हैं.  खरीफ विपणन वर्ष 2020-21 में पिछले वर्ष की तुलना में 2 लाख 49 हजार ज्यादा किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है. इन्हें मिलाकर इस वर्ष समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए कुल 21 लाख 29 हजार 764 किसानों ने पंजीयन कराया है. इन किसानों द्वारा बोये गए धान का रकबा 27 लाख 59 हजार 385 हेक्टेयर से अधिक है. दो सालों में धान बेचने वाले किसानों का रकबा 19.36 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 22.68 लाख हेक्टेयर और किसानों की संख्या 12 लाख 6 हजार बढ़कर 18 लाख 38 हजार हो गई है। इस प्रकार देखा जाए तो रकबे में 3 लाख 32 हजार हेक्टेयर तथा समर्थन मूल्य पर धान बेचेने वाले किसानों की संख्या में 6.32 लाख बढ़ोत्तरी हुई है.