रायपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ फिसड्डी साबित हुआ है. इसी कड़ी में भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय (ग्रामीण आवास प्रभाग) के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने छत्तीसगढ़ सरकार को खत लिखा है. उन्होंने लिखा कि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आवंटित पीएमएवाई-जी लक्ष्यों को वापस लिया जाता है. इसी को लेकर अब पूर्व सीएम रमन सिंह ने भी भूपेश सरकार पर निशाना साधा है.
.@INCChhattisgarh सरकार के निकम्मेपन के कारण गरीबों के घर नहीं बन पाएंगे।@MoRD_GOI का पत्र पढ़िए और अंदाजा लगाइए कैसे @bhupeshbaghel राज्य के गरीबों की उम्मीदों की हत्या कर रहे हैं।
प्रदेश सरकार की लापरवाही के कारण पीएम आवास के 2021-22 में आवंटित 7,81,999 घर अब नहीं बन पाएंगे। pic.twitter.com/WHoMHkZ8Pw
— Dr Raman Singh (@drramansingh) November 23, 2021
रमन सिंह ने ट्वीटकर लिखा @INCChhattisgarh सरकार के निकम्मेपन के कारण गरीबों के घर नहीं बन पाएंगे. @MoRD_GOI का पत्र पढ़िए और अंदाजा लगाइए कैसे @bhupeshbaghel राज्य के गरीबों की उम्मीदों की हत्या कर रहे हैं. प्रदेश सरकार की लापरवाही के कारण पीएम आवास के 2021-22 में आवंटित 7,81,999 घर अब नहीं बन पाएंगे.
दरअसल, 22 नंबर को MORD GOI से राज्य सरकार को चिट्ठी आई है. उसमें लिखा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) की प्रगति में तेजी लाने के लिए मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य को बार-बार अनुरोध और निर्देशों के बावजूद, राज्य ने विभिन्न मापदंडों के संबंध में कोई संतोषजनक परिणाम नहीं दिखाया है.
जैसे, नए घरों का पंजीकरण, पीएमएवाई-जी लाभार्थियों को मकानों की मंजूरी, पिछले आवंटित घरों को पूरा करना, आदि पीएमएवाई-जी के तहत 2019 से अब तक लंबे समय से लंबित राज्य के हिस्से को जारी करना. इन सभी को मिलाकर पीएमएवाई-जी के तहत राज्य का प्रदर्शन खराब रहा है.
राज्य को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए आवंटित 7,81,999 का लक्ष्य तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाता है. राज्य एसईसीसी आधारित लक्ष्य आवंटन का उपयोग करने में विफल रहा है, इसलिए यह भी निर्णय लिया गया है कि राज्य को भी आवास से लक्ष्य प्राप्त करने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसे ग्रामीण विकास मंत्रालय में सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन से जारी किया जाता है.
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