रायपुर। डीकेएस अस्पताल के पूर्व अधीक्षक डॉ. पुनीत गुप्ता तीसरे नोटिस मिलने के बाद आज गोलबाजार थाने में पेश हुए, जहां उनसे पूछताछ की गई. पुनीत से करीब तीन घंटे तक सिलसिलेवार 50 से अधिक सवाल पूछे गए, लेकिन वो पुलिस को संतोषजनक जवाब नहीं दे सके. उन्होंने कहा कि मामले में आरटीआई लगाया गया है, जो दस्तावेज बाहर निकलेंगे उसके हिसाब से ही पूरी जानकारी दिया जाएगा.

इन बिन्दुओं पर की गई पूछताछ

पुलिस के मुताबिक पुनीत गुप्ता से पूछताछ में पूछा गया कि डीकेएस अस्पताल के अधीक्षक रहते फेक बैलेंस शीट दिया था. जिसमें निकिता जसवानी को गलत तरीके से काउंसलर के पद पर अपॉइन्मेंट किया था और बैलेंश शीट में सीए का फर्जी हस्ताक्षर किया था. लोन पाने की जल्दबाजी में पुनीत ने फर्जी डॉक्यूमेंट दिया था. इसके समेत 50 से अधिक सवाल पूछे गए. जिसको लेकर उन्होंने कहा कि दस्तावेज देखकर ही सवालों का जवाब दे पाएंगे.

पूछताछ के बाद पुनीत गुप्ता मीडियो के सामने आए, लेकिन वो मामला कोर्ट में होने का हवाला देते हुए कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. राजनीति साजिश के सवाल पर कहा कि मैं पॉलिटिशियन नहीं हूं किसी भी प्रकार के राजनीतिक सवाल का जवाब नहीं दूंगा.

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पुनीत गुप्ता से थाने में पूछताछ के दौरान उसका वकायदा पूरा वीडियो रिकॉर्डिंग औऱ फोटोग्राफी की गई है. उनके सभी बयानों को कम्प्यूटर में दर्ज किया गया है. बयान के दौरान वकील अमित बनर्जी समेत वकीलों की टीम अंदर मौजदू रही. इसके साथ ही बयान के दौरान पिता जीबी गुप्ता भी मौजूद रहे. पुनीत गुप्ता से सभी दस्तावेज़ों पर 36 नमूना सिग्नेचर लिए गए है.

बता दें कि पूर्व अधीक्षक डॉ. पुनीत गुप्ता पर डीकेएस अस्पताल अधीक्षक रहते 50 करोड़ रुपए घोटाले समेत कई अनियमितताओं को लेकर फर्जीवाड़ा करने का आरोप हैं. अस्पताल के वर्तमान अधीक्षक डॉ. केके सहारे ने इस मामले में डॉ. पुनीत गुप्ता के खिलाफ गोलबाजार थाने में एफआईआर दर्ज कराया था.