सुरेन्द्र जैन धरसीवां। छत्तीसगढ़ी सॉंग ‘दबा बल्लू’ इस समय काफी चर्चा में है. आप जिस तरफ देखेंगे बस इसी की गूंज सुनाई देती है. क्योंकि इसका जो दबा बल्लू डायलॉग है, उसमें डबल मीनिंग निकाला जा रहा है. यही वजह है कि रायपुर के धरसीवां के ग्राम पंचायत कांदुल के सरपंच ने इस पर बैन लगा दिया है. गांव में लगने वाले मड़ाई मेला में शांति व्यवस्था बिड़ागने और दबा बल्लू जैसे डायलॉग बोलने पर 5 हजार 551 रुपए का जुर्माना और एफआईआर दर्ज करवाने का फरमान पंचायत ने जारी किया है.
इस संबंध में कांदुल सरपंच अश्वन लहरे से फोन पर बात करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया, जिस कारण उनसे बात नहीं हो सकी. ग्राम पंचायत सचिव लखन वर्मा ने बताया कि हर साल मड़ाई मेला में असामाजिक तत्वों के कारण लड़ाई झगड़ा से अशांति फैलती थी. इस कारण इस साल ग्राम पंचायत सरपंच अश्वन लहरे ने यह सूचना जारी करते हुए पूर्व में ही मुनादी करा दी है.
26 जनवरी के अवसर पर मड़ाई मेला का आयोजन किया जा रहा है. जिसमें किसी प्रकार के लड़ाई, मारपीट या दबा बल्लू जैसे डायलॉग बोलने पर 5 हजार 551 रुपए का दंड लेकर एफआईआर दर्ज भी करवाया जाएगा. चाहे वह गांव का निवासी हो या बाहरी कोई अन्य व्यक्ति हो, यदि गांव वाले बाहरी किसी व्यक्ति का सहयोग करते हैं, तो उन्हें भी दंडित किया जाएगा.
बता दें कि ग्राम पंचायत कांदुल के नाम से यह आदेश सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा था. जिस कारण इसका पड़ताल किया गया और सच्चाई जानने की कोशिश की गई. हमारी पड़ताल में यह आदेश सही साबित हुआ है. पंचायत के सरपंच ने गांव के मड़ाई मेला में अमन चैन बनाए रखने के उद्देश्य से यह फरमान जारी किया है, जो चर्चा का विषय बन गया है.
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