रायपुर. छत्तीसगढ़ आदिवासी बाहुल्य राज्य है. राज्य में 85 ब्लॉक आदिवासी बाहुल्य. आदिवासी इलाकों में पेसा कानून लागू. लेकिन पाँचवीं अनुसूचित क्षेत्रों में कानून का क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है. लिहाजा आदिवासी अपने हक और अधिकारों को लेकर आँदोलित रहते हैं. हसदेव अरण्य के आदिवासी भी इलाके में कोल ब्लॉक नहीं खोलने की मांग को लेकर संघर्षरत् हैं. 2 अक्टूबर एक बार भी सरगुजा अँचल के आदिवासी आंदोलन करने जा रहे हैं. इस मसले पर राज्यपाल अनुसुईया ने अपनी प्रतिक्रिया दी है.
उन्होंने भी की राज्य में पेसा कानून को लेकर अब तक नियम नहीं बन पाए हैं. उन्होंने इस मसले पर अपनी चिंता जाहिर की. राज्यपाल उइके ने कहा कि उन्होंने इस मसले पंचायत एंव ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव से चर्चा की है. छत्तीसगढ़ में पेसा कानून एक बड़ा मुद्दा है. इस मुद्दे को लेकर आदिवासी समाज के लोग उनसे मिलते रहते हैं. इसका निराकरण होना जरूरी है. मंत्री जी से जानकारी मिली है कि सरकार ने कानून से संबंधित रिपोर्ट तैयार कर ली है. उम्मीद करती हूँ कि रिपोर्ट अच्छी होगी. रिपोर्ट की मैं समीक्षा करूँगी.
अनुसूचित क्षेत्र का मेरे पास संवैधानिक अधिकार है. मैं कभी भी आदिवासी अधिकारों का हनन हो नहीं चाहूँगी. मेरे अगल-बगल में दो मंत्री बैठे हैं( टीएस सिंहदेव और उमेश पटेल). उम्मी है सरकार जल्द से जल्द नियम बनाकर कानू को प्रभावी ढंग से लागू कराने की दिशा में काम करे.