सुप्रिया पांडेय, रायपुर। हाईकोर्ट में महिला स्व सहायता समूहों ने अलग-अलग रिट याचिकाएं प्रस्तुत की थी. राज्य शासन के निर्णय को चुनौती देते हुए अपास्त करने की मांग की थी, जिसपर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए स्टे देने से इनकार कर दिया है.
सरकार की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि स्व सहायता समूह को राज्य शासन बाहर नहीं कर रही. साथ ही राज्य सरकार अब स्वतंत्र है, अपने हिसाब से कार्रवाई कर सकती है. सरकार की ओर से हाईकोर्ट को अवगत कराया गया कि महिला समूह के मूल कार्य को करने की अनुमति राज्य सरकार ने पहले ही दी है.
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महिलाओं के हितों की रक्षा राज्य सरकार कर रही है. किसी भी अंतरिम आदेश की आवश्यकता महिला स्व सहायता समूह के लोगों के पक्ष में देने की आवश्यकता नहीं है. साथ ही प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि शासन चाहे तो स्व सहायता समूहों के बीच जो अनुबंध हुए हैं. उन्ही अनुबंधों की शर्तों के अनुसार ही उसे समाप्त कर सकती है. राज्य सरकार के उक्त निर्णय पर न्यायालय ने किसी भी प्रकार से रोक नहीं लगाया है.
राज्य सरकार की ओर से महाधिक्ता सतीश चन्द्र वर्मा ने न्यायालय को यह अवगत कराया है कि महिला समूहों को जो उनका मूल कार्य है, जिसमें रेडी टू ईट फूड को गरम पकाना, बच्चों को वितरीत करना, ट्रांसपोर्ट करना और जो मूल कार्य है, वह करने की अनुमति राज्य सरकार पहले ही दे चुकी है. उनके हितों की रक्षा राज्य सरकार कर रही है. अब इस मामले में राज्य सरकार के जवाब के बाद अगली सुनवाई 12 जनवरी 2022 को की जाएगी.
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