सत्या राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ को रेशम उत्पादन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए भारत सरकार के केंद्रीय रेशम बोर्ड द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार ‘बेस्ट सेरीकल्चर स्टेट‘ से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार बोर्ड के 76वें स्थापना दिवस 20 सितंबर 2025 को बेंगलूर में आयोजित कार्यक्रम में सांसद एवं बोर्ड सदस्य के. सुधाकर के हाथों प्रदान किया गया। यह पुरस्कार उप संचालक रेशम मनीष पवार ने ग्रहण किया।

छत्तीसगढ़ में रेशम की गतिविधियां विशेषकर दूरस्थ आदिवासी अंचलों में रोजगार सृजन का सशक्त माध्यम बनी हैं। वर्तमान में लगभग 78 हजार ग्रामीण महिलों और पुरुषों रेशम विभाग की विभिन्न गतिविधियों से जुड़कर स्व-रोजगार प्राप्त कर रहे हैं और आर्थिक रूप से सशक्त बन रहे हैं।

राज्य में टसर कीट पालन को बढ़ावा देने के लिए लगातार पौधारोपण और प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। “मेरा रेशम मेरा अभिमान” कार्यक्रम के अंतर्गत वैज्ञानिकों ने ग्रामीणों को नवीनतम तकनीकों की जानकारी दी और उनके प्रश्नों के सरल समाधान भी प्रस्तुत किए जा रहे हैं।

इस दौरान रायगढ़ जिले को “उत्कृष्ट जिला” तथा ललित गुप्ता (ग्राम आमाघाट, तमनार, रायगढ़) को “उत्कृष्ट कृषक” पुरस्कार से सम्मानित किया गया। गुप्ता लंबे समय से टसर कृमिपालन से जुड़े हैं और अपने क्षेत्र में प्रेरणास्रोत बने हुए हैं।

भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के कार्यों की सराहना से यह प्रमाणित होता है कि राज्य रेशम उत्पादन न केवल स्व-रोजगार के अवसर बढ़ा रहे हैं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं।