सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ को मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त राज्य बनाने की तैयारी जोरों पर है. वर्ष 2025 तक 4 लाख मोतियाबिंद ऑपरेशन का लक्ष्य रखा है, वहीं प्रदेश में इस साल अब तक 59,793 मोतियाबिंद पीड़ितों का सफल ऑपरेशन किया जा चुका है. मरीजों को ऑपरेशन के बाद किसी तरह की समस्या न आए इसके लिए शासकीय अस्पतालों में उत्तम गुणवत्ता वाले लेंसो के साथ ऑपरेशन किया जा रहा है.
प्रदेश में मोतियाबिंद की वजह से किसी भी व्यक्ति की आंखों की दृष्टि न छिन जाए, इसके लिए “मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त राज्य” नाम से महत्वाकांक्षी योजना शुरूआत की गई है. योजना में राज्य में अंधत्व नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2025 तक कुल चार लाख मोतियाबिंद ऑपरेशन कर दृष्टिहीनता के मामलों में कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है, इसके लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, मितानिनों और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से दृष्टिदोष रोगियों की सूची तैयार की जा रही है. नेत्र सहायक अधिकारियों के माध्यम से चयनित विकासखंडों में भेजकर तैयार सूची से रोगियों की पुष्टि कर मोतियाबिंद ऑपरेशन के लिए चिन्हांकन किया जा रहा है.
प्रदेश में चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में 1 अप्रैल 2021 से 31 जनवरी 2022 तक 59 हजार 793 मोतियाबिंद पीड़ितों का सफल ऑपरेशन किया जा चुका है. राज्य के सभी शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों, जिला चिकित्सालयों तथा दुर्ग जिले के सुपेला सिविल अस्पताल, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के भाटापारा सिविल अस्पताल व जशपुर जिले के पत्थलगांव सिविल अस्पताल एवं कोरिया जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों मनेंद्रगढ़, सोनहत और पटना में निःशुल्क मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए जा रहे हैं.
‘आयुष्मान’ से मोतियाबिंद का ऑपरेशन
इन अस्पतालों में उत्तम गुणवत्ता के लेंस के साथ शासन द्वारा निर्धारित सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए मोतियाबिंद के मरीजों का सुरक्षित ऑपरेशन किया जाता है ऑपरेशन के बाद मरीजों की नियमित फालो-अप की जाती है, साथ ही उन्हें निःशुल्क दवा और चश्मा भी प्रदान किया जाता है. आयुष्मान योजना के अंतर्गत इन सभी शासकीय अस्पतालों में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराया जा सकता है.
माना सिविल अस्पताल में शुरू हुई सुविधा
ज़िला चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर मीरा बघेल ने बताया कि रायपुर के माना स्थित सिविल अस्पताल में हाल ही में आंखों की जांच, इलाज और ऑपरेशन की सुविधा प्रारम्भ की गयी है, यहां मरीजों के लिए 100 बिस्तरों की व्यवस्था की गयी है. वर्तमान में जिला अस्पताल पण्डरी के उपलब्ध संसाधनों को माना अस्पताल में स्थानांतरित कर ये सेवायें शुरू की गयी है. माना सिविल अस्पताल में इस सप्ताह 70 मरीजों के आंखों का सफल ऑपरेशन भी किया गया है. यहां शासकीय कार्य दिवसों में सुबह 8 बजे से शाम 4 बजे तक नेत्र परीक्षण की सुविधा है.
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अंधत्व निवारण कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि छत्तीसगढ़ को मोतियाबिंद दृष्टिहीनता मुक्त राज्य बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, आंखों के उपचार के लिए निकट भविष्य में माना अस्पताल में और भी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा.
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