ग्रामीणों की बारी (किचन गार्डन) में अंगूर की तरह गुच्छे में फलने वाले छत्तीसगढ़िया चिरपोटी पताल (चेटी टमाटर) को भारत सरकार ने औषधीय गुणों के कारण पंजीकृत किया है. छोटे आकार का यह टमाटर कैंसर, हृदय तथा मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद है. नगण्य मात्रा में कैलोरी, 0.1 प्रतिशत प्रोटीन और शून्य वसा वाले इस खट्टे टमाटर में विटामिन ए तथा विटामिन सी की पर्याप्त मात्रा गुणकारी है.

चिरपोटी पताल (छोटे छोटे देसी टमाटर),अदरक,धनिया व मिर्च को सील बट्टे पर पीस कर (झोझो) तैयार की जाती है. छत्तीसगढ़ में इसे “बासी” के साथ खाने कि परम्परा है. छत्तीसगढ़ की खास चिरपोटी टमाटर की चटनी मिल जाए तो फिर क्या कहने. छत्तीसगढ़ी में टमाटर को “पताल” कहते हैं. इस चटनी कि तारीफ में कहा जाता है कि -’’हाय रे मोर चिरपोटी पताल के चटनी/जेंन खांय तेंन खाते रही जांय, जेन नइ खांय तेंन पछताँय/ चिरपोटी पताल तें ह खूब सुहाय”. Read More – World Penguin Day : अपने खाने के लिए बहुत लंबी दूरी तय करते हैं पेंगुइन, जानिए उनसे जुड़ी कुछ रोचक बातें …

बनाने की विधि

250 ग्राम पके टमाटर
2 मीडियम प्याज़
4.5 कली लहसुन
2 सूखी लाल मिर्च
1 छोटी चम्मच राई
स्वादानुसार नमक
1 बड़ी तेल चम्मच
धनिया पत्ती बारीक कटी सजाने के लिए

झोझो बनाने की विधि

सबसे पहले प्याज़ टमाटर लहसुन लाल सूखी लाल मिर्च सब को बारीक काट के तैयार कर लेंगे. कढ़ाई में तेल डालकर हम गर्म करेंगे, फिर उसमें राई डालकर उसको तकाएंगे फिर उसमें लहसुन और सूखी लाल मिर्च डालकर मीडियम आंच में सुनहरा होने तक पकाएंगे. जब लहसुन सुनहरी हो जाएगी फिर उसमें प्याज डालकर सुनहरा होने तक पकाएंगे जब प्याज सुनहरी हो जाएगी, तब उसमें कटे हुए टमाटर डाल देंगे और और इसमें स्वादानुसार नमक डाल देंगे और फिर उसको धीमी आंच में ढक कर 5 मिनट तक पकाएंगे जब टमाटर अच्छे से घर जाएंगे तब हम गैस बंद कर देंगे. हमारी छत्तीसगढ़ी पताल तारे या टमाटर की चटनी तैयार है. इसे कटोरी में निकालकर उसमें धनिया पत्ती डालकर सजा देंगे और गरम गरम रोटी या चावल दाल के साथ परोसेंगे या पकौड़ी के साथ खाए.