रायपुर। छत्तीसगढ़ पिछले 25 वर्षों में उद्योग और निवेश की धरती के रूप में अपनी पहचान बना चुका है. स्टील, ऊर्जा और खनिजों की समृद्ध भूमि के रूप में प्रसिद्ध यह राज्य अब सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), सेमीकंडक्टर और डेटा सेंटर जैसी आधुनिक तकनीकों के क्षेत्र में तेजी से कदम बढ़ा रहा है. इसका श्रेय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व और उनकी दूरदर्शी नीतियों को जाता है, जिन्होंने छत्तीसगढ़ को पारंपरिक उद्योगों से आगे बढ़ाकर आईटी हब बनाने की ठोस नींव रखी है.

25 वर्षों का सफर – औद्योगिक से डिजिटल छत्तीसगढ़ तक
सन 2000 में राज्य गठन के बाद छत्तीसगढ़ ने सबसे पहले स्टील और पावर सेक्टर पर अपना ध्यान केंद्रित किया. बड़े पैमाने पर खनिज संपदा होने के कारण यहां इस्पात और ऊर्जा उद्योग का तेजी से विस्तार हुआ. इन 25 वर्षों में राज्य ने अपनी औद्योगिक संरचना को मजबूत किया और अब यह आईटी सेक्टर में भी देशभर में अलग पहचान बनाने की ओर अग्रसर है.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पद संभालते ही स्पष्ट कर दिया था कि छत्तीसगढ़ को सिर्फ पारंपरिक उद्योगों तक सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि इसे डिजिटल इंडिया की दृष्टि से भी देश का प्रमुख केंद्र बनाया जाएगा.

6.65 लाख करोड़ का निवेश – नवा रायपुर बनेगा आईटी हब
नई औद्योगिक नीति लागू होने के बाद राज्य को अब तक 6.65 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. इसमें स्टील और ऊर्जा उद्योग तो हैं ही, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि अब निवेशक सेमीकंडक्टर, डेटा सेंटर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित उद्योगों में भी रुचि दिखा रहे हैं.

नवा रायपुर को बेंगलुरु और हैदराबाद की तर्ज पर आईटी हब बनाने की दिशा में कार्य शुरू हो चुका है. यहां आईटी इंडस्ट्री के लिए 90 एकड़ जमीन रियायती दर पर आवंटित की गई है. सरकार का लक्ष्य है कि नवा रायपुर को सिर्फ प्रशासनिक राजधानी नहीं, बल्कि डिजिटल राजधानी भी बनाया जाए.
विदेशी निवेश से बढ़ा विश्वास
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने हाल ही में जापान और साउथ कोरिया का दौरा किया. इन दौरों में उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल्स और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर के निवेशकों को आकर्षित किया. इस पहल से छत्तीसगढ़ में विदेशी निवेशकों का विश्वास बढ़ा है और मुंबई, बेंगलुरु जैसे महानगरों के बाद अब निवेशकों की नजरें रायपुर और नवा रायपुर पर टिक गई हैं.

सेमीकंडक्टर यूनिट और डेटा सेंटर पार्क
आईटी सेक्टर के विस्तार में सबसे महत्वपूर्ण कदम है – पॉलीमैटेक इलेक्ट्रॉनिक्स का 11 हजार करोड़ का निवेश. कंपनी ने नवा रायपुर में सेमीकंडक्टर यूनिट और डेटा सेंटर पार्क का भूमि पूजन किया है. कंपनी का लक्ष्य है कि 2030 तक हर साल 10 अरब चिप्स का उत्पादन किया जाए.यह प्रोजेक्ट छत्तीसगढ़ को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन से जोड़ने का काम करेगा और राज्य के हजारों युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराएगा.

निवेशकों की पहली पसंद – 12 प्रमुख सेक्टर
छत्तीसगढ़ में हाल ही में प्राप्त निवेश प्रस्तावों पर नज़र डालें तो यह स्पष्ट होता है कि राज्य अब केवल खनिज संपदा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उद्योग और तकनीक के विविध क्षेत्रों में निवेशकों का भरोसा तेजी से बढ़ रहा है.

सबसे अधिक रुचि स्टील सेक्टर में दिखाई दी है, जहां अब तक 24 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. यह स्वाभाविक भी है क्योंकि छत्तीसगढ़ को देश की स्टील कैपिटल कहा जाता है. वहीं ऊर्जा सेक्टर में भी निवेशकों की गहरी दिलचस्पी रही है और इस क्षेत्र को 17 प्रस्ताव मिले हैं. यह भविष्य में ऊर्जा उत्पादन और भंडारण को और सशक्त करेगा.
आधुनिक तकनीक आधारित उद्योगों में भी निवेश का रुझान बढ़ा है. इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर को 5 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जबकि आईटी एवं आईटीईएस सेक्टर में 3 प्रस्ताव दर्ज किए गए हैं. इसी तरह स्वच्छ ऊर्जा और पर्यावरण के लिए लाभकारी कंप्रेस्ड बायोगैस प्रोजेक्ट्स को भी 3 प्रस्ताव मिले हैं.
निर्माण और कृषि से जुड़े उद्योगों में भी निवेशकों ने भरोसा जताया है. सीमेंट, एथेनॉल और फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में 2-2 प्रस्ताव आए हैं. इसके अलावा माइनिंग इक्विपमेंट, प्लास्टिक, फार्मा और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे विविध क्षेत्रों में भी 1-1 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं.
इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि निवेशक अब छत्तीसगढ़ को सिर्फ खनिज और स्टील उत्पादन का राज्य नहीं मानते, बल्कि इसे एक नए युग का औद्योगिक और डिजिटल गढ़ मानने लगे हैं. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य ने जो नई औद्योगिक नीति लागू की है, उसने निवेशकों को व्यापक अवसर और भरोसा प्रदान किया है. यही कारण है कि विभिन्न क्षेत्रों से निवेश प्रस्तावों की यह विविधता छत्तीसगढ़ के संतुलित और बहुआयामी विकास का मार्ग प्रशस्त कर रही है.
65 हजार से अधिक रोजगार के अवसर
निवेश प्रस्तावों से सीधे तौर पर 65,193 युवाओं को रोजगार मिलने की संभावना है. जिन उद्योगों को इन्वेस्ट पत्र दिया गया है, वहां 63,751 लोगों को सीधा रोजगार प्राप्त होगा. यह मुख्यमंत्री साय की उस नीति का परिणाम है, जिसमें उन्होंने कहा था कि “निवेश तभी सार्थक होगा जब वह रोजगार पैदा करेगा.”
ऊर्जा सेक्टर – सबसे बड़ा निवेश
छत्तीसगढ़ की पहचान ऊर्जा उत्पादन में अग्रणी राज्य की रही है. इस परंपरा को और मजबूत करते हुए सबसे बड़ा निवेश ऊर्जा सेक्टर (3.01 लाख करोड़ रुपए) में हुआ है. इसमें शामिल हैं:न्यूक्लियर थर्मल प्रोजेक्ट्स, सोलर एनर्जी पार्क, पीएम कुसुम योजना,बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम, पावर ट्रांसमिशन इंफ्रास्ट्रक्चर ऊर्जा उत्पादन और भंडारण की इस मजबूत संरचना से आईटी और डिजिटल उद्योगों को स्थिर बिजली आपूर्ति मिलेगी, जो उनकी सबसे बड़ी जरूरत है.
सेक्टरवार निवेश प्रस्ताव (करोड़ रुपए में)
छत्तीसगढ़ में अलग-अलग क्षेत्रों में आए निवेश प्रस्ताव यह दर्शाते हैं कि राज्य अब सिर्फ स्टील और ऊर्जा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि विविध क्षेत्रों में औद्योगिक विकास हो रहा है.
सबसे अधिक निवेश स्टील एवं संबंधित उत्पादों में आया है, जिसकी राशि लगभग 96,398 करोड़ रुपए है. इसके बाद थर्मल, सोलर और पंप्ड स्टोरेज प्रोजेक्ट्स (पीएसपी) में करीब 72,494 करोड़ रुपए के प्रस्ताव मिले हैं. यह स्पष्ट करता है कि छत्तीसगढ़ ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में देश की अग्रणी ताकत बना रहेगा.
आईटी और डिजिटल विस्तार से जुड़ा क्षेत्र इलेक्ट्रॉनिक्स भी निवेशकों की पसंद बना है, जहां 12,406 करोड़ रुपए के प्रस्ताव दर्ज हुए हैं. इसी तरह ग्रीन हाइड्रोजन जैसे भविष्य उन्मुख सेक्टर में भी लगभग 9,000 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है, जो राज्य को स्वच्छ और हरित ऊर्जा की दिशा में आगे ले जाएगा.
निर्माण कार्य और बुनियादी ढांचे से जुड़े सीमेंट उद्योग को लगभग 4,167 करोड़ रुपए और कंप्रेस्ड बायो गैस परियोजनाओं को करीब 3,519 करोड़ रुपए के निवेश की स्वीकृति मिली है.
सूचना प्रौद्योगिकी से संबंधित आईटी एवं आईटीईएस के लिए भी करीब 1,965 करोड़ रुपए के प्रस्ताव आए हैं, जो नवा रायपुर को आईटी हब बनाने के लक्ष्य को मजबूती देते हैं. इसी तरह फूड प्रोसेसिंग उद्योग में लगभग 1,175 करोड़ रुपए और एथेनॉल उत्पादन इकाइयों में करीब 781 करोड़ रुपए के निवेश की सहमति दी गई है.
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ में निवेश अब बहुआयामी हो चुका है. पारंपरिक क्षेत्रों जैसे स्टील और ऊर्जा के साथ-साथ आधुनिक तकनीकी उद्योग, नवीकरणीय ऊर्जा और आईटी क्षेत्र में भी निवेशक भरोसा जता रहे हैं. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में यह विविधतापूर्ण निवेश राज्य के संतुलित और स्थायी विकास की गारंटी बन रहा है.
नैसकॉम के साथ एमओयू – आईटी सेक्टर को मजबूती
राज्य सरकार ने नैसकॉम (NASSCOM) के साथ एमओयू साइन किया है. इसका उद्देश्य है – नवा रायपुर में आईटी इंडस्ट्री की स्थापना, स्किल डेवलपमेंट, और युवाओं को आधुनिक तकनीकों जैसे एआई, क्लाउड कंप्यूटिंग और मशीन लर्निंग में प्रशिक्षित करना.
यह कदम छत्तीसगढ़ को आईटी और आईटीईएस के क्षेत्र में देश का अगला बड़ा केंद्र बनाने की दिशा में निर्णायक साबित होगा.
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की दूरदर्शी सोच:
छत्तीसगढ़ को उद्योग और निवेश का नया गढ़ बनाने में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की दूरदर्शी सोच सबसे अहम भूमिका निभा रही है. उन्होंने राज्य की औद्योगिक नीतियों में बदलाव करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि विकास का नया दौर केवल पारंपरिक उद्योगों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आधुनिक तकनीक और सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित होगा.
उनकी प्राथमिकताओं में सबसे पहले नवा रायपुर को आईटी हब बनाना शामिल है. राजधानी क्षेत्र को इस तरह विकसित किया जा रहा है कि वह बेंगलुरु और हैदराबाद की तरह बड़े आईटी शहरों की श्रेणी में खड़ा हो सके. इसके लिए जमीन आवंटन, इंफ्रास्ट्रक्चर और तकनीकी सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
दूसरी बड़ी प्राथमिकता है विदेशी निवेश आकर्षित करना. जापान और साउथ कोरिया जैसे देशों की यात्राएं करके मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ को वैश्विक निवेश मानचित्र पर स्थापित किया है. इससे इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और फूड प्रोसेसिंग जैसे क्षेत्रों में बड़े निवेश की संभावनाएं बढ़ी हैं.
तीसरी अहम दिशा है युवाओं के लिए रोजगार सृजन. उनका मानना है कि किसी भी निवेश की वास्तविक सफलता तब है जब उससे राज्य के युवाओं को अवसर मिले. यही कारण है कि अब तक आए निवेश प्रस्तावों से हजारों युवाओं को सीधा रोजगार मिलने वाला है.
चौथी सोच है भविष्य की तकनीकी जरूरतों पर निवेश. इसमें सेमीकंडक्टर यूनिट्स और डेटा सेंटर पार्क जैसी परियोजनाएं शामिल हैं, जो आने वाले दशकों में भारत की डिजिटल मजबूती की रीढ़ साबित होंगी.
पांचवीं और सबसे प्रेरक प्राथमिकता है स्टार्टअप और नवाचार को बढ़ावा देना. मुख्यमंत्री साय ने स्पष्ट किया है कि नई पीढ़ी के उद्यमियों को प्रोत्साहन दिए बिना राज्य डिजिटल क्रांति का हिस्सा नहीं बन सकता. इसके लिए विशेष योजनाएं और प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किए जा रहे हैं.
यही कारण है कि आज छत्तीसगढ़ को केवल उद्योग और खनिजों का राज्य नहीं, बल्कि डिजिटल इंडिया की धुरी के रूप में देखा जा रहा है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की यह दूरदर्शी सोच आने वाले वर्षों में राज्य को तकनीक, नवाचार और निवेश का नया केंद्र बनाने वाली है.
विष्णुदेव साय और डिजिटल छत्तीसगढ़ का सपना
पिछले 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने जिस गति से प्रगति की है, उसने इसे उद्योग और ऊर्जा का गढ़ बना दिया है. स्टील उत्पादन, ऊर्जा निर्माण और खनिज संपदा के कारण राज्य ने औद्योगिक भारत की रीढ़ के रूप में अपनी पहचान बनाई है. लेकिन आज समय बदल रहा है और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की नीतियां इस बदलाव को दिशा दे रही हैं. वे छत्तीसगढ़ को डिजिटल छत्तीसगढ़ के रूप में दुनिया के सामने लाने का सपना देख रहे हैं – इस सपने की नींव कई ठोस उपलब्धियों पर आधारित है. सबसे पहले बात करें निवेश की—राज्य को अब तक 6.65 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिल चुके हैं. यह केवल आंकड़े नहीं, बल्कि भविष्य की उस राह का संकेत है जिसमें छत्तीसगढ़ उद्योग से लेकर तकनीक तक हर क्षेत्र में अग्रणी होगा.
इन निवेश प्रस्तावों से 65 हजार से अधिक रोजगार अवसर बनने की संभावना है. इसका सीधा लाभ राज्य के युवाओं को मिलेगा, जो आधुनिक तकनीक और आईटी सेक्टर में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए लंबे समय से अवसरों की प्रतीक्षा कर रहे थे.
मुख्यमंत्री साय का ध्यान विशेष रूप से उन तकनीकी परियोजनाओं पर है जो आने वाले समय में देश और दुनिया की सबसे बड़ी जरूरत बनेंगी. इसी सोच का परिणाम है नवा रायपुर में प्रस्तावित सेमीकंडक्टर यूनिट और डेटा सेंटर पार्क. यह न केवल राज्य को तकनीकी दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि छत्तीसगढ़ को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन से भी जोड़ेगा.
आईटी सेक्टर को मजबूती देने के लिए राज्य सरकार ने नैसकॉम के साथ साझेदारी की है. इसके तहत युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लाउड कंप्यूटिंग और मशीन लर्निंग जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे आने वाले डिजिटल युग के लिए पूरी तरह तैयार हो सकें.
सबसे अहम पहल है नवा रायपुर को आईटी हब बनाना. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का स्पष्ट विज़न है कि जिस तरह बेंगलुरु और हैदराबाद ने आईटी क्षेत्र में अपनी वैश्विक पहचान बनाई है, उसी तरह नवा रायपुर भी डिजिटल भारत की नई राजधानी के रूप में स्थापित हो.
यही कारण है कि आज छत्तीसगढ़ की पहचान सिर्फ खनिज और स्टील तक सीमित नहीं रही. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य का हर कदम अब डिजिटल छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ रहा है—एक ऐसा सपना, जो उद्योग, तकनीक और युवाओं के उज्ज्वल भविष्य का संगम बनने वाला है.
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