प्रतीक चौहान. रायपुर. लल्लूराम डॉट कॉम ने पिछले दिनों एक खबर प्रकाशित की थी, जिसमें ये बताया था कि आयुष्मान योजना के तहत ब्लॉक किए गए पैकेज के पैसे को पास करने के लिए डॉक्टर 2-2 हजार रूपए मांग रहे है. इसकी शिकायत श्री दानी केयर अस्पताल के डॉ राज मनहरे ने आईएमए और स्टेट नोडल एजेंसी को की थी.

 लेकिन शिकायत के बाद उनके ब्लॉक किए गए कई केस को रिजेक्ट कर दिया गया है. जिसके बाद डॉ मनहरे का कहना है कि वे बर्बाद हो गए औऱ उनके मन में सुसाइड करने जैसे ख्याल आ रहे है.

उन्होंने ये भी कहा कि उन्हें अन्याय के खिलाफ की गई शिकायत भारी पड़ गई और अब उन्होंने मार्केट से ली गई उधारी को चुकाने के लिए अपना एक प्लाट तक बेचने के लिए सौदा देख रहे है.

हैरानी की बात ये है कि लल्लूराम डॉट कॉम ने सोमवार को जो खुलासा किया कि स्टेट नोडल एजेंसी में एसीओ की आईडी से डॉक्टरों के क्लेम को पास और फेल करने का खेल किया जा रहे है, उसी आईडी से उनके तमाम केस फेल कर दिए गए है. जबकि फाइल को जांच करने और पास-फेल करने का काम टीपीए और ऑडिट एजेंसी का है.

डॉ मनहरे का ये भी कहना है कि उन्हें इस बात का भी डर लग रहा है कि विभाग उन्हें किसी झूठे केस में और न फंसा दें.

कही ऐसा ही खेल अस्पतालों के केस पास करने में तो नहीं हो रहा ?

  डॉ मनहरे ने अपनी शिकायत में प्रूफ के साथ ये बताया था कि जिस डॉक्टर के पास उनकी फाइलें गई है उन्होंने सीधे उससे संपर्क कर केस पास करने की एवज में पैसे की मांग की और अब लल्लूराम डॉट कॉम ने भी इस मामले में स्वास्थ विभाग के अधिकारियों की पोल खोली जिसमें वे अपने चहेते अस्पतालों के सारे क्लेम पास कर रहे है, अब ये विभाग के लिए जांच का विषय है कि जिन अस्पतालों के सारे केस पास किए गए है उन सभी लोगों से रिश्वत तो नहीं ली गई ?