जितेन्द्र सिन्हा/पुरुतोत्तम पात्र, राजिम/गरियाबंद। दुर्लभ बीमारी प्रोजेरिया नामक बीमारी से ग्रसित शैलेन्द्र ध्रुव की इच्छा आखिरकार पूरी हो गई. मुख्यमंत्री के निर्देश पर शैलेंद्र को एक दिन के लिए गरियाबंद का कलेक्टर बनाया गया. कलेक्टर की कुर्सी पर बैठने के बाद वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात करने के लिए रायपुर रवाना हो गए.

छुरा विकासखंड के मेढ़कीडबरी गांव के निवासी शैलेन्द्र ध्रुव की हालत हू-ब-हू अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘पा’ के ओरो जैसी है. शैलेन्द्र वैसे तो मात्र 16 साल का है, लेकिन बीमारी के कारण उसकी शारीरिक कौशिकाओं का अधिक विकास हो चुका है, जिसके चलते उसकी त्वचा 80 साल के बुजुर्ग जैसी नजर आती हैं. शैलेन्द्र स्कूल जाता है, लेकिन शिक्षक पढ़ाई को लेकर कभी उस पर कोई दबाव नहीं डालते है. वह दूसरे बच्चों की तरह ना तो शरारत करता है, और ना ही खेलता है. स्कूल के सब बच्चे भी उसके साथ सामान्य व्यवहार करते हैं.

शैलेन्द्र के परिजनों ने बताया कि वह बचपन से ही इस बीमारी से पीड़ित है. उसकी अंतिम इच्छा कलेक्टर बनने की है, लेकिन बीमारी की वजह से उसका शारीरिक विकास रुक गया है, जिसके कारण वह अपना सपना पूरा करने में असमर्थ है. इस इक्छा को अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर जिला प्रशासन आज कलेक्टर की कुर्सी पर बिठाकर पूरा करने जा रहा है. इसके साथ ही शैलेन्द्र आज मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात भी करेंगे.

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