पुरुषोत्तम पात्र, गरियाबंद। छुरा नगर पंचायत में BJP की महिला अध्यक्ष लुकेश्वरी निषाद के देवर मानसिंह निषाद पर गंभीर आरोप लगे हैं। वार्ड क्रमांक 1 में भवन निर्माण करा रहे नीरज यदु का कहना है कि 4 अगस्त को मानसिंह ने फोन कर न सिर्फ अभद्र भाषा का प्रयोग किया, बल्कि काम रुकवाने की धमकी भी दी। कुछ ही घंटों बाद नगर पंचायत की ओर से निर्माण रोकने का नोटिस भी थमा दिया गया।

नीरज यदु और उसकी मां सरिता ने 5 अगस्त को नगर पंचायत के सीएमओ को लिखित शिकायत सौंपकर पूरे मामले की जांच की मांग की है। पीड़ित परिवार का कहना है कि अगर कोई गलती थी, तो नगर पंचायत अध्यक्ष या कर्मचारी पूछताछ करते, न कि उनका देवर धमकी देता।

नगर पंचायत अध्यक्ष के देवर ने कहा- ‘पहले काम रुकवाओ फिर देखेंगे’

वायरल ऑडियो की शुरुआत में मानसिंह नीरज से सख्त लहजे में पूछताछ करता सुना जा सकता है। इस दौरान नीरज उसे “साले” कह कर संबोधित करने पर आपत्ति जताता है। बातचीत के दौरान मानसिंह यह कहते सुना जा सकता है: “ऑफिस में बात हो गई है, पहले इसका काम रुकवाओ, फिर देखते हैं।” नीरज ने पुष्टि की कि ये बातचीत 4 अगस्त को दोपहर 11:15 बजे के आसपास हुई थी और शाम तक उसे काम रोकने का नोटिस मिल गया।

वायरल ऑडियो

बातचीत के बाद भेजा गया नोटिस

‘मैंने आदेश नहीं दिया, आम नागरिक के तौर पर पूछा’ – देवर

मामले पर सफाई देते हुए मानसिंह निषाद ने कहा कि उन्होंने गलियों में रेत पड़े होने की वजह से केवल एक आम नागरिक की तरह पूछताछ की थी। उनका कहना है कि न तो उन्होंने कोई आदेश जारी कराया, न ही नगर पंचायत के किसी काम में उनकी कोई भूमिका है।

नगर पंचायत में बढ़ रही ‘बोगस प्रतिनिधि’ की दखलअंदाजी?

ऑडियो वायरल होने के बाद छुरा में फर्जी प्रतिनिधि की दखलअंदाजी को लेकर राजनीतिक माहौल गरमा गया है। नगर पंचायत अध्यक्ष पद को लेकर पहले ही भाजपा के दो गुटों में टकराव हो चुका है, ऐसे में यह मामला अब सियासी रंग लेता नजर आ रहा है। पहले भी नगर पंचायत अध्यक्ष और उनके भाई का ऑफिस में केक काटते वीडियो वायरल हुआ था, जिसे “निजी मामला” बता कर दबा दिया गया। अब ताजा ऑडियो ने विपक्ष को एक बार फिर मुद्दा दे दिया है।

नगर पंचायत का अंदरूनी भ्रम – तीन लोगों के अलग-अलग निर्देश!

वायरल ऑडियो के बाद छुरा नगर पंचायत से जुड़े कुछ पुराने किस्से भी चर्चा में आ गए हैं। बताया जा रहा है कि कुछ महीने पहले जब नगर पंचायत कार्यालय की दीवारों की पुताई होनी थी, तब दीवार के रंग को लेकर कर्मचारी असमंजस में पड़ गए थे। वजह यह थी कि एक ओर जहां सरकारी फाइलों पर अध्यक्ष मेडम के हस्ताक्षर होते हैं, वहीं निर्णयों में उनके पति और देवर की राय भी अलग-अलग होती है। तीन-तीन निर्देशों के चलते कर्मचारी यह तय नहीं कर पाते कि आखिर किसके आदेश का पालन करें।

सीएमओ बोले: जांच के बाद ही स्पष्ट होगा नोटिस का कारण

छुरा नगर पंचायत के सीएमओ यमन देवांगन ने बताया कि सरिता यदु की शिकायत उन्हें मिल गई है और मामले की फाइल मंगवाई गई है। उन्होंने कहा कि नगर पंचायत में अध्यक्ष का कोई अधिकृत प्रतिनिधि नहीं है। परिषद की बैठक के बाद वे दोपहर 2 बजे के बाद ही मामले में विस्तृत जानकारी दे पाएंगे।

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