राजनांदगांव। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छुरिया विकासखंड के ग्राम गोड़लवाही में अखिल भारतीय हलबा-हलबी आदिवासी समाज महासभा बालोद द्वारा आयोजित शहीद शिरोमणी गैंदसिंह की श्रद्धांजलि समारोह में शामिल हुए. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शहीद गैंदसिंह को नमन करते हुए श्रद्धांजलि दी. उन्होंने कहा कि शहीद गैंदसिंह ने 1824 ईसवी में परलकोट में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया और 20 जनवरी 1825 को अंग्रेजों से लड़ते हुए शहीद हुए. उनके त्याग और बलिदान को अक्षुण्य बनाये रखने के लिए राजनांदगांव में प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की.

उन्होंने कहा पुरखों के बलिदान को आने वाली पीढ़ी को बताना होगा. छत्तीसगढ़ की प्राचीन संस्कृति के संरक्षण के लिए शासन की ओर से विशेष कार्य किये जा रहे हैं. आदिवासी संस्कृति के संरक्षण के लिए नवा रायपुर में 10 एकड़ भूमि में संग्रहालय एवं शोधपीठ का निर्माण किया जाएगा. वहीं देवगुड़ी एवं घोटुल के संरक्षण के लिए भी कार्य किये जा रहे हैं. गुरू घासीदास के नाम से भी संग्रहालय एवं शोधपीठ का निर्माण किया जा रहा है. हरेली, करमा, तीजा, विश्व आदिवासी दिवस, भक्त माता कर्मा पर्व के लिए अवकाश घोषित किया गया है.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मोहड़ जलाशय अन्य किसी जलाशय से सिंचाई की व्यवस्था की जाएगी. ग्राम गोड़लवाही में आश्रम, छात्रावास एवं स्कूल के निर्माण करने की घोषणा की. राजनांदगांव जिले में कोदो कुटकी प्रदेश में सर्वाधिक होता है. अगले वर्ष से कोदो कुटकी भी शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाएगा. जंगल में फलदार वृक्ष लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में 30 रूपए समर्थन मूल्य में महुए की खरीदी करने से वनवासियों को आर्थिक रूप से संबल मिला. वही 3 माह नि:शुल्क 35 किलो चावल जनसामान्य को प्रदान किया गया.

उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत 26 लाख श्रमिकों को रोजगार मिला. बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए 52 अंग्रेजी माध्यम स्कूल की स्थापना की गई। मुख्यमंत्री सुपोषण योजना के तहत 1 लाख बच्चे कुपोषण से मुक्त हुए हैं. अब तक 81 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो गई है. बारदाने की कमी है, लेकिन सभी मिलकर इस समस्या का समाधान कर लेंगे. राजीव गांधी किसान योजना के तहत अब तक 3 किश्त की राशि दी चुकी है और चौथी किश्त की राशि 31 मार्च के पहले किसानों को हस्तांतरित कर दी जाएगी.