रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज शाम अपने निवास कार्यालय में भारत के शास्त्रीय नृत्य परंपरा के नैतिक मूल्यों पर आधारित ‘‘नृत्य शास्त्र पौराणिक उत्पत्ति‘‘ कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया. यह कॉफी टेबल बुक संचालनालय संस्कृति एवं पुरातत्व रायपुर द्वारा प्रकाशित की गई है. कॉफी टेबल बुक की लेखिका अंतर्राष्ट्रीय नृत्यांगना पुर्णश्री राउत, सहायक संचालक संस्कृति एवं पुरातत्व रायपुर है.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि शास्त्रीय नृत्य हमारी संस्कृति और गौरवशाली परंपरा के अंग रहे हैं. छठवीं-सातवीं शताब्दी में शिव और विष्णु मंदिरों में इन नृत्यों का प्रचलन था. मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की प्राचीन वास्तुकला, समृद्ध संस्कृति और राज्य के प्राचीन मंदिरों की दीवारों पर नृत्य की प्रतिमाओं के पीछे दार्शनिक संकल्पना को संगीत एवं नृत्य प्रेमियों, पर्यटकों तक पहुंचाने के उद्देश्य से प्रकाशित इस कॉफी टेबल बुक को उपयोगी बताया. इसके लिए उन्होंने लेखिका पुर्णश्री राउत और संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग को बधाई और शुभकामनाएं दी.
लेखिका पुर्णश्री राउत ने कहा कि सभी शास्त्रीय नृत्यों की उत्पत्ति पौराणिक कथा से है. छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिला स्थित भोरमदेव मंदिर और जांजगीर स्थित विष्णु मंदिर की दीवारों में उकेरी गई नृत्य प्रतिमाएं भारतीय शास्त्रीय नृत्य की समृद्ध परंपरा की संवाहक है. भारतीय शास्त्रीय नृत्य को प्राचीन काल में देवदासी नृत्य के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यह नृत्य मंदिरों के गर्भ गृह में किया जाता था. उन्होंने कहा कि नृत्य शास्त्र पौराणिक उत्पत्ति कॉफी टेबल बुक अंग्रेजी में प्रकाशित की गई है, ताकि भारत आने वाले विदेशी पर्यटक इस कॉफी टेबल बुक ने प्रकाशित सामग्री का अध्ययन कर छत्तीसगढ़ के मंदिरों के अवलोकन भ्रमण के लिए आए, ताकि छत्तीसगढ़ में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके. इस कॉफी टेबल बुक में छत्तीसगढ़ के भोरमदेव मंदिर और विष्णु मंदिर की तस्वीरों को प्रमुखता से शामिल किया गया है.