रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने डीएमएफ के मूल नियम में अब तक किए गए संशोधनों के संकलन का विमोचन राज्योत्सव के दौरान खनिज विभाग के स्टॉल के निरीक्षण के दौरान किया. राज्योत्सव के अंतर्गत आयोजित प्रदर्शनी में खनिज संसाधन विभाग छत्तीसगढ़ के स्टॉल में सभी वर्ग के लोगों की अपार भीड़ उमड़ रही है. खनिज संसाधन विभाग की प्रदर्शनी में विभाग की गतिविधियों, उपलब्धियों तथा खनिज नमूनों को आकर्षक तरीके से प्रदर्शित किया गया है.

प्रदर्शनी के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा अन्य वरिष्ठ मंत्रीगणों द्वारा पवेलियन का भ्रमण किया गया तथा प्रदर्शनी की सराहना की. डीएमएफ के नियम के नवीन संशोधन 14 अगस्त 2019 को राज्य शासन द्वारा किया गया है. मूल नियम मे अब तक किये गये संशोधन का संकलन कर इसका विमोचन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, वरिष्ठ मंत्रीगणों एवं विभागीय विशेष सचिव की गरिमामयी उपस्थिति मे खनिज विभाग के स्टाल मे किया गया.

छत्तीसगढ़ में खनिजों के प्रचूर भण्डार है, जो राज्य के विकास की धुरी है. इस राज्य में अनेक महत्वपूर्ण खनिज आधारित वृहत उद्योग कार्यशील है और खनिज आधारित उद्योगों को अपार संभावनाएं है. खनिज आधारित उद्योगों की स्थापना तथा परिचालन के लिए आवश्यक मूलभूत संभावनाएं भी प्रदेश में उपलब्ध है. प्रदेश में प्रमुख रूप से कोयला, लौह अयस्क, चूना पत्थर, डोलोमाइट, बाक्साइट, टिन अयस्क, हीरा एवं स्वर्ण है. इनके अलावा भी विभिन्न औद्योगिक महत्व के खनिज, जेमस्टोन तथा भवन निर्माण हेतु उपयोगी खनिज प्रचूर मात्रा में उपलब्ध है.

राज्य में देश का लगभग 19.6 प्रतिशत लौह अयस्क (4031 मिलियन टन), 18 प्रतिशत कोयला (54912 मिलियन टन), तथा 8959 मिलियन टन चूना पत्थर के भण्डार उपलब्ध हैं. देश का 11 प्रतिशत सीमेंट छत्तीसगढ़ में उत्पादित होता है. देश को 13 प्रतिशत बिजली की आपूर्ति छत्तीसगढ़ से होती है. देश के कुल खनिज उत्पादन मेें छत्तीसगढ़ 16 प्रतिशत का योगदान देता है.

खनिजों की खोज, आबंटन तथा प्रबंधन से संबंधित चार बड़े एवं महत्वपूर्ण पुरस्कार गत वर्षों में छत्तीसगढ़ को मिले है. राज्य में अत्याधुनिक तरीके से खनिजों के प्रबंधन हेतु खनिज ऑनलाइन, माइनिंग सर्वेलेस सिस्टम, स्टार रेटिंग प्रणाली आदि कार्यरत है. इन नवाचारों के सफलतापूर्वक उपयोग के कारण कई दूसरे राज्य छत्तीसगढ़ की अनुसरण कर रहे हैं तथा अन्य राज्यों के प्रतिनिधि कार्य प्रणाली को समझने तथा प्रशिक्षण के लिए छत्तीसगढ़ आ रहे है.

छत्तीसगढ़ में डी.एम.एफ. तथा एन.एम.इ.टी के तहत विभिन्न विकास कार्य तथा खनिजों की खोज का कार्य जारी है। राज्य में नीलामी के माध्यम से कोयला, चूना पत्थर तथा स्वर्ण धातु हेतु खदानों का सफलतापूर्वक आवंटन किया गया है तथा यह प्रक्रिया आगे भी सतत जारी है.

छत्तीसगढ़ राज्य में गौण खनिज रेत से संबंधित नियमों में संशोधन कर नवीन नियम ‘छत्तीसगढ़ गौण खनिज साधारण रेत (उत्खनन एवं व्यवसाय) नियम, 2019‘ बनाया गया है. जिसके तहत नीलामी (रिवर्स ऑक्शन) प्रक्रिया के द्वारा पारदर्शिता के साथ रेत खदानों का आबंटन किया जा रहा हैं. प्रथम चरण में नवीन नियम के तहत प्रदेश स्तर पर 168 रेत खदानों के लिए एन.आई.टी. जारी कर रेत खदान आबंटन हेतु खुली निविदा पारदर्शी तरीके से किया जाकर 2 वर्षाें के लिए खदान आबंटन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है.

वर्तमान व्यवस्था में सिस्टेमेटिक माईनिंग एवं पर्यावरणीय संरक्षण के साथ साथ आम जनता को सस्ते दरों पर रेत की उपलब्धता सुनिश्चितता की जा सकेगी. ग्राम पंचायतों के माध्यम से संचालन से त्रि-स्तरीय पंचायतों को मात्र 13 करोड़ रूपए आय प्राप्त होता था, वहीं वर्तमान व्यवस्था के तहत रेत खदानों से लगभग 235 करोड़ की आय शासन को प्राप्त होने की संभावना है.

स्टॉल मे नवीन संशोधन के अनुरूप जिलों मे सुपोषण अभियान स्वस्थ, शिक्षा कृषि जीविकोपार्जन एवं हितग्राही मूलक कार्यों एवं नवीन संशोधन के मुख्य बिन्दुओं को पोस्टर के माध्यम दर्शाया गया है. इस प्रकार खनिजों की खोज एवं खनिज प्रबंधन में नवाचार के माध्यम से छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है तथा उत्तरोत्तर आगे बढ़ रहा है.