प्रदीप गुप्ता,कवर्धा. जिले के एक मात्र जीवनदायनी सकरी नदी सूखे की मार सालों से झेल रही है. अब इस नदी में पानी लाने के लिए प्रदेश के मुखिया डॉ रमन सिंह ने बीड़ा उठाया है. आज समनापुर मार्ग पर आयोजित पुनर्जीवन सृजन अभियान का शुभारंभ किया. मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने ड्रोन कैमरा चलाकर नदी सफाई पुर्नउत्थान का शुभारंभ किया.

मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह सकरी नदी को संवारने के लिए मनरेगा के अंतर्गत संचालित इंफ्रास्ट्रेक्चर फ़ॉर क्लाइमेट रिलिएन्ट ग्रोथ (आई.सी.आर.जी) कार्यक्रम की टीम ने सकरी नदी प्रवाह को बढ़ाने और नदी के तट को संरक्षित करने के लिए सकरी नदी पुनरुत्थान व संरक्षण कार्यक्रम बनाया है. प्रथम चरण में पंचायतों के 40 किलोमीटर का क्षेत्र चिन्हांकित किया गया है. इस नदी को लेकर कई वर्षों से मांगे आ रही थी. जिसके बाद रमन सिंह ने सूखे नदी पर पानी लाने के लिए योजन तैयार की है.

गौरतलब है कि सकरी नदी कवर्धा जिले के बोड़ला और कवर्धा विकासखंड से बहती है. नदी के तट पर बसे 28 गांव सीधे रूप से नदी के प्रवास पर निर्भर है. बोड़ला और कवर्धा के विकासखंड की कुल जनसंख्या लगभग 4 लाख लोग किसी न किसी तरह से सकरी नदी पर निर्भर है. यह कहना उचित रहेगा कि सकरी नदी बोड़ला और कवर्धा की जीवनदायनी नदी है.

मैकल पहाड़ी से निकलकर लगभग 90 किलोमीटर का रास्ता तय करती हुई सकरी नदी कवर्धा जिले के सीमा पर शिवनाथ नदी में मिल जाती है. शिवनाथ नदी महानदी की शाखा है. इस प्रकार सकरी नदी महानदी की सहायक नदी है. नदी के जल ग्रहण की रिज क्षेत्र जो कि पूरे जलग्रहण क्षेत्र का एक तिहाई है. इस सकरी नदी कि उंचाई 2840 फिट व न्यूनतम ऊंचाई 1000 फिट है. सकरी नदी पहाड़ो में अधिकतम 40 प्रतिशत ढाल औऱ मैदानी भागों में 2% से 3% ढाल के साथ बहती है. इस नदी को रिज के लिए क्षेत्र में भू-कटाव की अधिकतम संभावना है व निचले क्षेत्र नदी के बहाव को बनाये रखने के लिए जंगल इलाके का संरक्षण जरूरी है.