रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने इस बात पर संतुष्टि जताई है कि गरियाबंद के सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी से बचाव के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने की बेहतर व्यवस्था की गई है. राज्य शासन द्वारा वहां वैकल्पिक पेयजल व्यवस्था के लिए अब तक एक करोड़ 65 लाख 41 हजार रूपए के कार्य मंजूर किए जा चुके हैं.

मुख्यमंत्री ने मंगलवार शाम लोक सुराज अभियान के तहत जिला मुख्यालय महासमुंद में आयोजित गरियाबंद और महासमुन्द जिलों की समीक्षा बैठक में सुपेबेड़ा के मामले को गंभीरता से संज्ञान में लिया. उन्होंने वहां स्वच्छ पेयजल के लिए अब तक उठाए गए कदमों के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली. बैठक में मौजूद लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के मुख्य अभियंता डॉ एम एल अग्रवाल ने उन्हें बताया कि राज्य शासन के निर्देशों के अनुरूप वहां स्वच्छ पेयजल के लिए समुचित व्यवस्था की गई है.

बता दें कि गांव में बिजली के कम वोल्टेज की समस्या को देखते हुए सुपेबेड़ा से दो किलोमीटर पर ग्राम निष्ठीगुड़ा में दो नलकूपों का खनन किया गया और उनमें तीन एचपी और दो एचपी के सोलर पम्प लगाकर सुपेबेड़ा के ग्रामीणों के लिए पेयजल आपूर्ति शुरू की गई. इन सोलर पम्पों की लागत दस लाख रूपए है. सुपेबेड़ा में दो हजार लीटर की छह पानी टंकियां और 25 स्टैण्ड पोस्ट सहित 3500 मीटर पाइप लाइन बिछाकर ग्रामीणों को स्वच्छ पेयजल दिया जा रहा है. इसके लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा 19 लाख रूपए का प्रोजेक्ट मंजूर किया गया. ग्रामीणों को निस्तारी के लिए 11 हैण्डपम्प और पेयजल के लिए एक सोलर पम्प उपलब्ध कराया गया है.

फ्लोराइड और आर्सेनिक रिमूवल प्लांट भी

सीएम ने बताया कि सुपेबेड़ा के तीन हैण्डपम्पों के पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक है, इसे देखते हुए उनमें 44 लाख रूपए के तीन फ्लोराइड रिमूवल प्लांट लगाए गए हैं, जो अगले एक सप्ताह में चालू कर दिए जाएंगे. इसके अलावा 57 लाख रूपए के तीन आर्सेनिक रिमूवल प्लांट भी लगाने का काम प्रगति पर है. बैठक में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की ओर से यह भी बताया गया कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर ने भी एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सुपेबेड़ा में स्वच्छ पेयजल के लिए राज्य शासन द्वारा की गई व्यवस्था पर संतुष्टि प्रकट की है.

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में ये भी बताया गया कि सुपेबेड़ा में जगह-जगह पोस्टर और बैनर लगाकर ग्रामीणों को हैण्डपम्प के पानी का उपयोग निस्तारी के लिए करने और नलजल योजना में नल के पानी का उपयोग पीने के लिए करने की समझाइश दी गई है. बैठक में लोकसभा सांसद चंदूलाल साहू, संसदीय सचिव रूपकुमारी चौधरी, संसदीय सचिव गोवर्धन मांझी, खल्लारी विधायक चुन्नीलाल साहू, सरायपाली विधायक रामलाल चौहान, महासमुंद विधायक डॉ विमल चोपड़ा, राजिम विधायक संतोष उपाध्याय, राज्य शासन के मुख्य सचिव अजय सिंह, रायपुर संभाग के कमिश्नर बृजेशचंद्र मिश्र, महासमुंद जिले के प्रभारी सचिव डॉ रोहित यादव, मुख्यमंत्री के सचिव सुबोध कुमार सिंह, छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक अंकित आनंद, विशेष सचिव जनसंपर्क राजेश सुकुमार टोप्पो सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.