रायपुर. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज हरेली तिहार के मौके पर कृषि कार्य आसान बनाने वाले दो तरह के कृषि यंत्रों की लॉन्चिंग की. न्यूज 24 मध्यप्रदेश छत्तीसगढ़ व लल्लूराम डाॅट काॅम की ओर से दुर्ग जिले के विकासखंड पाटन के ग्राम करसा में हरेली के मौके पर कृषि सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस मौके पर लगाई गई कृषि प्रदर्शनी में मुख्यमंत्री ने पशुचलित बैटरी ऑपरेटेड कल्टीवेटर और प्लांटर को लॉन्च किया.

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार इन यंत्रों के इस्तेमाल से किसानों को कृषि कार्य में लगने वाले समय में कमी आएगी. साथ ही लागत में भी कमी होगी. दूसरी ओर बैटरी ऑपरेटेड कल्टीवेटर और प्लांटर के उपयोग से पशुओं पर भी बोझ कम पड़ेगा. बैटरी सह मोटर के उपयोग से मवेशियों को यंत्र को खींचने में बल कम लगता है, जिससे मवेशियों को थकान कम लगेगी.

ये दोनों ही कृषि यंत्र इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बनाया है. इन यंत्रों को बनाने के लिए मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार प्रदीप शर्मा का विशेष मार्गदर्शन रहा है. इन यंत्रों की लॉन्चिंग के मौके पर इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल भी मौजूद थे.


कल्टीवेटर की विशेषता
सामान्यतः जुताई के कार्य के लिए कृषक देसी हल का उपयोग करते हैं. इसके बाद पाटा का उपयोग किया जाता है.इस दौरान खेत में ढेले टूट नहीं पाते. इससे बीज बोने वाले यंत्र को चलाने में कठिनाई होती है. ऐसे में द्वितीयक जुताई के लिए पशुचलित बैटरी ऑपरेटेड कल्टीवेटर कृषकों की समस्या का निदान कर सकता है. इस यंत्र में 750 वॉट (1एचपी) का मोटर लगा है और 48 वोल्ट पॉवर की बैटरी लगाई गई है. इस कल्टीवेटर की सहायता से 1 हेक्टेयर खेत को 5-7 घंटे में एक बार द्वितीयक जुताई की जा सकती है. इससे जहां मवेशियों को कम बल लगाना पड़ेगा तो वहीं कृषक भी सीट पर बैठकर आसानी से पूरे यंत्र को संचालित कर सकता है.इस पूरे यंत्र की लागत करीब 55-60 हजार रुपए बताई जा रही है.


कतारबद्ध बुआई के काम आएगा प्लांटर
इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक ने पशुचलित बैटरी ऑपरेटेड प्लांटर भी बनाया है. इसकी सहायता से कतारबद्ध बीज से बीज की दूरी बनाए रखते हुए बुआई की जा सकेगी. इस प्लांटर को कतार से कतार के बीच की दूरी फसल के अनुसार 20 से 50 सेंटीमीटर तक व्यवस्थित कर सकते हैं. प्लांटर की लागत लगभग 20-25 हजार रुपए बताई जा रही है.