भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के रविन्द्र भवन से मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना के ऐप और पोर्टल लॉंच कर दिया है. सीएम ने सबसे पहले राज कुशवाह का पंजीयन किया. अब बाकी युवा भी अपना पंजीयन कर सकते हैं. प्रदेश के युवा अपने मनपसंद विषय में पात्रता अनुसार पोर्टल पर पंजीयन करा सकेंगे. मुख्यमंत्री शिवराज ने संबोधन में कहा कि अपने-अपने स्कूल में 12वीं कक्षा में प्रथम आने वाले बेटा-बेटियों को स्कूटी दी जाएगी. 12वीं 70 प्रतिशत से अधिक नंबर लाने वाले बेटा-बेटियों का एडमिशन किसी भी कॉलेज में हो उसकी फीस मध्यप्रदेश सरकार भरेगी. पढ़ाई के बाद सबसे बड़ा विषय रोजगार का है, जिसे पूरा करने का काम सरकार कर रही है.
रोजगार के चार तरीके हैं –
सरकारी नौकरी से रोजगार – 1 लाख शासकीय पदों पर भर्ती की घोषणा के बाद से अब तक 55 हजार पदों पर भर्ती की जा चुकी हैं. 15 अगस्त के पहले 1 लाख से ज्यादा नौकरी सरकारी पदों पर भर्ती होगी. उसके बाद 50 हजार पद और भरे जाएंगे.
हर महीने रोजगार दिवस – स्वरोजगार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत लगभग 2.5 से 3 लाख लोगों को स्वरोजगार के लिए लोन हर महीने दिए जा रहे हैं.
स्टार्टअप से रोजगार – 2 हजार 800 से ज्यादा स्टार्टअप प्रदेश के युवाओं स्टार्टअप शुरु किए हैं.
निवेश से रोजगार – पिछले दिनों 15 लाख 42 हजार 550 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्रदेश में लाने के कमिटमेंट हुए हैं जिससे रोजगार आने वाला है.
- इंडस्ट्री ऐसे बच्चों को काम देती है, जिनको काम आए इसलिए बच्चों को बेहतर काम सिखाने के उद्देश्य से योजना बनाई गई.
- सिंगापुर के सहयोग से भोपाल में ग्लोबल स्किल सेंटर बन रहा है जिसमें एक साथ 6 हजार बच्चे स्किल्ड होंगे बाद में यह संख्या 10 हजार तक होगी.
- 12वीं पास बच्चे, आइटीआई पास बच्चे, ग्रुजेएशन और पीजी उत्तीर्ण बच्चों को काम सिखाने के लिए योजना बनाई.
- जो बेरोजगारी भत्ते की बात करते हैं वो कभी देते नहीं है और बेरोजगारी भत्ता परमानेंट उपाय भी नहीं है.
- चिड़िया अपने बच्चों को घोंसला नहीं देती वह अपने बच्चों को पंख देती है जिससे वह अनंत आसमान में ऊंची उड़ान भर सकें.
- यह योजना युवाओं को पंख देगी जिससे वह सफलता की ऊंची उड़ान भर सकें.
- 700 अलग-अगल काम तय किए हैं जिसमें विभिन्न प्रतिष्ठान काम सिखाएंगे. सभी कामों की सूची पोर्टल पर उपलब्ध रहेगी.
- पोर्टल पर एक तरफ वैकेंसी रहेंगी दूसरी तरफ प्रतिष्ठानों का नाम रहेगा.
- बच्चों को सूखे-सूखे काम नहीं सिखाया जाएगा, काम सीखने के बदले बच्चों को पैसे मिलने चाहिए.
8 से 10 हजार प्रतिमाह
- 12वीं पास – 8 हजार प्रतिमाह
- आईटीआई उत्तीर्ण – 8500 हजार प्रतिमाह
- डिप्लोमा उत्तीर्ण – 9000 हजार प्रतिमाह
- ग्रेजुएशन या उच्च उत्तीर्ण – 10 हजार प्रतिमाह
- योजना का लाभ लेने के लिए – eKYCआवश्यक है, एमपी ऑनलाइन सेंटर पर होगी.
- ईमेल और फोन नंबर दोनों सक्रिए हों, खाते से आधार कार्ड लिंक हो.
रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया –
- eKYC के बाद समग्र आईडी पर लॉगिन करें.
- लिंक मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा जिसे दर्ज कर आगे बढ़ें.
- समग्र आईडी पर समस्त जानकारी जांच लें। उसके बाद ईमेल आईडी दर्ज करें.
- ईमेल आईडी पर प्राप्त ओटीपी को वेरिफाइड करें.
- इसके बाद सम्बिट बटन पर क्लिक करने पर पंजीयन हो जाएगा.
- पंजीकृत मोबाइल पर यूजर आईडी और पासवर्ड प्राप्त होगा.
- योजना में अब तक 10 हजार 432 प्रतिष्ठानों ने पंजीकरण करा लिया है.
- यह दुनिया की अपने आम में अनूठी योजना है। जो काम सीखना चाहते हैं वह आगे आएं और योजना का लाभ उठाएं.
युवाओं के सवाल मुख्यमंत्री के जवाब
मान्या
सवाल- सीखो-कमाओ योजना के तहत लाभार्थी छात्रों का कितना स्टाइपेंड मिलेगा,
जवाब – जो बच्चे 12वीं पास हैं उन्हें – 8 हजार प्रतिमाह, आईटीआई उत्तीर्ण – 8500 हजार प्रतिमाह, डिप्लोमा उत्तीर्ण – 9000 हजार प्रतिमाह और ग्रेजुएशन या उच्च उत्तीर्ण – 10 हजार प्रतिमाह मिलेगा.
दीपक राजपूत, भोपाल
सवाल- जो प्रतिष्ठान इस योजना में पंजीकृत हैं उनका वेरिफिकेशन होना चाहिए.
जवाब – हर प्रतिष्ठान को वेरिफाइड करके ही जोड़ा जाएगा. हमारा रोजगार बोर्ड द्वारा काम सीखने वालों को प्रमाण-पत्र भी दिया जाएगा.
ध्वज शर्मा
सवाल– प्रशिक्षण की अवधि क्या रहेगी ?
जवाब- सामान्यत एक वर्ष की अवधि रहेगी, वैसे यह कोर्स के ऊपर निर्भर करेगा.
अनुरूद्ध
सवाल-योजना का लाभ उठाने के लिए कम से कम शैक्षणिक योग्यता.
जवाब– योजना का लाभ लेने के लिए 18 से 29 वर्ष की आयु हो, मध्यप्रदेश के स्थाई निवासी हो, शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास, आईटीआई, डिप्लोमा, उच्च शिक्षा.
रचना मिश्रा
सवाल- सीखो-कमाओ योजना में किन कंपनियों में प्रशिक्षण मिलेगा.
जवाब – हमने 700 से ज्यादा काम तय किए हैं. अलग-अलग कंपनियों में यह काम संबंधित क्षेत्र की कंपनियों में सीखा जा सकता है. शैक्षणिक योग्यता के अनुसार युवा कोर्स का चयन कर सकते हैं.
मेघा मालवीय
सवाल– योजना में मध्यप्रदेश में लाभ मिलेगा या दूसरे राज्यों में भी अवसर मिलेगा.
जवाब – अलग राज्यों में भी यह काम सीख सकते हैं तो वहां लाभ मिलेगा. 20 से अधिक राज्यों के प्रतिष्ठानों द्वाका योजना में पंजीयन के लिए आवेदन दिया गया है. मैं फिक्की और अन्य संस्थानों के साथ बैठक करके अधिक से अधिक वैकेंसी के लिए बात करूंगा.
नंदनी गनौत
सवाल- योजना में पंजीकरण मोबाइल और लैपटाप से भी संभव है.
जवाब – हां, मोबाइल से भी पंजीकरण किया जा सकता है.
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