अमृतांशी जोशी,भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भोपाल के रविन्द्र भवन से मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना के ऐप और पोर्टल लॉंच कर दिया है. सीएम ने सबसे पहले राज कुशवाह का पंजीयन किया. अब बाकी युवा भी अपना पंजीयन कर सकते हैं. प्रदेश के युवा अपने मनपसंद विषय में पात्रता अनुसार पोर्टल पर पंजीयन करा सकेंगे. सीएम शिवराज ने अपने संबोधन में कहा कि टेंशन में मत रहो. तनाव मत लेना. आज मैं सबकी क्लास लूँगा. मेरे और आपके रिश्ते सीएम और स्टूडेंट के नहीं है. प्यार के रिश्ते है. दिलों के रिश्ते है. मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूँ I love you. ये स्नेह और प्रेम का रिश्ता है.

मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि पीएम मोदी ने देश का गौरव बढ़ाया है. आपको बेहतरी भविष्य प्रधानमंत्री और सब लगे है. बेहतर शिक्षा कैसे मिले. पढ़ाई कैसे कर पाये. एक ज़माना ऐसा था जब स्कूल पेड़ के नीचे लगा लेते थे. हमने पहला प्रयास स्कूल बनाने का किया. मैं पहले सांसद था, बच्चों से मिलता था. विदिशा ज़िले में स्कूल मिलने गया. एक बच्चे से पूछा गंगा कहा से निकली वो बोला विंध्याचल से निकली. मैंने गुरू को बुलाया बोला ऐसा क्यों वो बोले 500 रुपए में तो इतना ही होगा. ये कल्चर हमने ख़त्म किया. रेगुलर शिक्षकों को भेजा. हमने शिक्षक भेजे. हमने तय किया की उत्तीर्ण बच्चों को लैपटॉप मिले. जब मामा नहीं था, तो लैपटॉप छिन गए थे. बेटा-बेटियों को साइकिल भी देना शुरू किया.

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सरकारी नौकरी में भर्ती चलती रहेगी

सीएम ने कहा कि कई बच्चे आर्थिक कमज़ोर वाले परिवार से भी आते है. पैसे नहीं होते थे. बस नंबर लाओ IIT, आईआईएम से लेकर विदेश के कॉलेज तक की फ़ीस मामा भरवायेगा. रोज़गार के तरीक़े है. मैं घोषणा कर चुका हूँ कि एक साल में एक लाख भर्ती की जाएंगी. 55 हज़ार हो चुकी है. 15 अगस्त के पहले होंगी. सरकारी नौकरी में भर्ती चलती रहेगी.

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एमपी में सेल्फ एम्प्लॉयमेंट की अलग अलग योजना है. ऊधम क्रांति योजना में बैंक ऋण देगा. मैं सोच रहा था एक योजना बनाऊ जिससे बच्चों को सीखने का मौक़ा मिलेगा. अलग-अलग ज़िलों में ग्लोबल स्किल सेंटर बना रहे है. कुछ लोग कहते है हम बेरोज़गारी भत्ता देंगे. वो देते नहीं हैं. इतने बैरियर लगा देते है और पाँचवे साल में भत्ता देने के लिए आते है. हमने तय किया है कि ये हिंदुस्तान में पहली ऐसी योजना है. हर इंटर्नशिप मिलाकर 700 काम है. जिसकी जैसी योग्यता है, इसकी सूची आप तक आयेंगी. 10,432 संस्थानों ने पंजीकरण कर लिया है. इसके लिए मैं अभियान चलाऊँगा. प्रदेश के बाहर भी जाना चाहते है वहाँ भी भेजेंगे. 34 हज़ार वाकेंसी क्रिएट हो चुकी है. ये तो एक विन विन सिचुएशन है.

फ्री में कुछ नहीं दिया जाएगा – वीडी शर्मा

प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने हमेशा सोचा नौजवानों के हाथ कैसे मज़बूत किए जाए. फ्री में कुछ नहीं दिया जाएगा. नौजवान सीखें और पैसे भी मिलेंगे. उद्योगपतियों से सीखेंगे भी उनसे कनेक्टिविटी बढ़ेगी. ये मिलन का कार्यक्रम हुआ है. हम सबको बधाई देते है.

लर्न एंड अर्न की तर्ज पर बनी है सीखो-कमाओ योजना

सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने युवाओं के हितों और मध्यप्रदेश के सामाजिक, आर्थिक विकास में उनकी भागीदारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कई कदम उठाये हैं. मध्यप्रदेश सरकार ने अपनी युवा नीति को आगे बढ़ाते हुए ‘अर्न एन्ड लर्न ‘की तर्ज पर नई ‘मुख्‍यमंत्री सीखो-कमाओ योजना’ तैयार की है. योजना अंतर्गत प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं को उद्योग उन्मुख नई तकनीक और प्रक्रियाओं में दक्षता लाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे युवाओं को सहजता से रोजगार प्राप्त हो सकेगा. इस योजना के तहत प्रदेश के 18 से 29 वर्ष के शिक्षित युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत प्रतिष्ठित कंपनियों में प्रशिक्षण का अवसर मिलेगा. प्रशिक्षण के दौरान युवाओं को प्रतिमाह 8 हजार से लेकर 10 हजार रुपए तक का स्टाइपेंड भी दिया जाएगा.

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किन युवाओं को मिलेगा योजना का लाभ

इस योजना के पहले चरण में एक लाख युवाओं को रोजगार उन्मुखी कौशल में प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है. आवश्यकतानुसार लक्ष्य को बढ़ाया जाएगा. योजना के तहत चयनित मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोजगार निर्माण बोर्ड द्वारा निर्धारित कोर्स में प्रशिक्षणार्थी के रूप में पंजीकृत किया जाएगा. जिसमें पाठ्यक्रमों की सूची योजना के पोर्टल www.mmsky.mp.gov.in पर उपलब्ध रहेगी. योजना की पात्रता के लिए आवेदक मध्यप्रदेश का मूल निवासी हो, आयु 18 से 29 वर्ष हो और न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास, आईटीआई उत्तीर्ण, डिप्लोमा उत्तीर्ण, स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शिक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है.

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कितना मिलेंगा प्रशिक्षण के साथ स्टाइपेंड

इस योजना के प्रति युवाओं में विशेष उत्साह देखने को मिल रहा है. योजना में चयनित छात्र -छात्राओं को उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुरूप स्टाइपेन्ड मिलेगा जिसमें 12वीं उत्तीर्ण को प्रतिमाह 8000, आईटीआई उत्तीर्ण को 8500, डिप्लोमा उत्तीर्ण को 9000 और स्नातक उत्तीर्ण या उच्च शिक्षा उत्तीर्ण होने पर 10 हजार रुपये प्रति माह दिए जाएंगे.

10 हजार से अधिक प्रतिष्ठान कर चुके हैं पंजीयन

इस योजना में युवाओं को अपने संस्थानों में रोजगार दिलाने के लिए 1 जुलाई तक 10 हजार से अधिक प्रतिष्ठानों ने पंजीयन कराया है. जिसके द्वारा लगभग 35000 प्रशिक्षण रिक्तियां प्रकाशित की जा चुकी है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इस नई पहल से प्रदेश के युवाओं के सपनों को नए पंख लगेंगे.

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कौशल और कमाई के साथ रोजगार के भी अवसर

‘मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना ‘के लागू होने से काम सीखने के साथ-साथ युवाओं को आर्थिक रूप से जो मदद मिलेगी वह उनका आत्मविश्वास बढ़ायेगी. आमतौर पर औपचारिक शिक्षा ग्रहण करने के बाद औद्योगिक और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को पर्याप्त संख्या में कार्यकुशल मानव संसाधन नहीं मिल पाते. इसे देखते हुए प्रदेश सरकार को उनके कौशल विकास के लिए प्रदेश सरकार को इस तरह की योजना की जरूरत महसूस हुई जहाँ पर युवाओं को काम सीखने के साथ ही कमाई के अवसर भी मिलेंगे.

योजना में युवाओं को उद्योगों के साथ सर्विस सेक्टर में कौशल प्रशिक्षण के साथ ही नवीनतम तकनीक और प्रक्रिया से व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा. प्रशिक्षण के बाद निर्धारित परीक्षा उत्तीर्ण करने या फार्मेटिव एसेसमेंट के बाद मध्यप्रदेश राज्य कौशल विकास एवं रोज़गार बोर्ड स्टेट काउंसिल फार वोकेशनल ट्रेनिंग का प्रमाण-पत्र देगा. इसके लिए योजना से कंपनियों और सर्विस सेक्टर को जोड़ा गया है। प्रशिक्षित युवाओं को अच्छे रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे.

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