दिल्ली. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक में हिस्सा लिया. इसके बाद सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प के अनुरूप नये भारत के निर्माण में छत्तीसगढ़ की सशक्त भूमिका होगी. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सामान्य आदमी के जीवन में खुशहाली लाने वाली सौ से अधिक योजनाओं को लागू करके नागरिक सशक्तीकरण को नया आयाम दिया है.
डाॅ. रमन सिंह आज नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउन्सिल की चौथी बैठक को संबोधित कर रहे थे. बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. बैठक में केन्द्रीय मंत्रीगण तथा विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री उपस्थित थे. बैठक में अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के डिस्ट्रिक मिनरल फंड के क्रियान्वयन की प्रशंसा की और दूसरे राज्यों से अनुसरण करने को कहा .
बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने राज्य के विशिष्ट विषयों और विशेष समस्याओं को लेकर नीति आयोग द्वारा की गयी पहल की सराहना की. बस्तर क्षेत्र के सर्वागींण विकास के लिए नीति आयोग द्वारा की गयी बैठक का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी पहल लंबित और अत्यंत महत्वपूर्ण विषयों पर तत्काल निर्णय लेने और उनका तेजी से क्रियान्वयन करने में सफल रही है.
विकास कार्यों को आसान बनाया
सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने विकास के अनेक शिखरों को स्पर्श किया है. राज्य के विकास में अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति , महिलाओं , युवाओं आदि सभी वर्गो को भागीदार बनाया गया है. उन्होंने कहा कि हम दृढ़ संकल्पित हैं कि वर्ष 2022 तक के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने जो लक्ष्य निर्धारित किये है ,उसे तेजी से पूरा करेंगे. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ने जीएसटी और जैम जैसे केन्द्र सरकार के सुधार और नवाचार कार्यक्रमों का लगन और समर्पण से क्रियान्वयन किया है. डिस्ट्रिक मिनरल फंड का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की दूरगामी सोच ने स्थानीय आकांक्षाओं के अनुरूप विकास कार्य करना आसान बना दिया . आज डी.एम.एफ. की राशि से बीजापुर और दंतेवाड़ा जैसे उग्रवाद प्रभावित जिलों में अत्याधुनिक शिक्षा , स्वास्थ्य संस्थान , पेयजल , विद्युतीकरण , कृषि विकास और स्वच्छता के कार्य कराया जाना संभव हुआ है.
मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाकर 26
मुख्यमंत्री ने बताया कि किसानों की आय दुगुनी करने की प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार ने कार्ययोजना बनाकर उस पर अमल प्रारंभ कर दिया है. राज्य में ई-नाम के तहत 14 मंडियों को जोड़ा गया है. ई-नाम पोर्टल को अधिक प्रभावी ढंग से संचालित करने के लिए ई-नाम मित्र रखे गये है. क्रय-विक्रय बढ़ाने के लिए निरंतर उपजों को ई-नाम पोर्टल से जोड़ा गया है. मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना को जिक्र करते हुए डाॅ. रमन सिंह ने कहा कि राज्य में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं की संख्या बढ़ाकर 26 कर दी गयी है. इसके अतिरिक्त 174 मृदा परीक्षण मिनी प्रयोगशालाओं की स्थापना कर परीक्षण की क्षमता को बढ़ाकर एक लाख से 9 लाख कर दी गयी है. आयुष्मान भारत का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए हमने सभी आवश्यक कदम उठा लिए हैं. और नोडल एजेंसी भी नियुक्त कर दी है .
कुपोषण की दर 40.05: से घटकर 26.33
पोषण मिशन के बारे में मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत जारी वर्ष में 15 जिले सम्मिलित किये गये है . इस योजना के तहत 24 थीम आधारित गतिविधियों का चिन्हाकंन किया गया है. मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार के प्रयासों से वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के बीच कुपोषण की दर 40.05: से घटकर 26.33: रह गयी है , अर्थात कुपोषण की दर में उल्लेखनीय 13.72 प्रतिशत की कमी आयी है. मुख्यमंत्री ने ग्रामीण और कृषि हाट प्रधानमंत्री राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन , मिशन इन्द्रधनुष और अभिलाषी जिलों के लिए किये जारहे विशेष प्रयासों का भी जिक्र किया.
आकांक्षी जिलों में दूसरे स्थान पर राजनांदगांव
मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ के 10 जिलों का चयन आकांक्षी जिला कार्यक्रम के तहत किया गया था. नीति आयोग द्वारा अप्रैल 2018 में जारी रैकिंग के अनुसार छत्तीसगढ़ का राजनांदगांव जिला देश के आकांक्षी जिलों में दूसरे स्थान पर है और महासमुंद और कोरबा सहित तीन जिले प्रथम दस में सम्मिलित है. डाॅ. रमन सिंह ने कहा कि समयबद्व निर्धारित लक्ष्य और उन लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में नीति आयोग की भूमिका ने सहकारी संघवाद की अवधारणा को अभूतपूर्व मजबूती प्रदान की है. उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री और नीति आयोग का आभार व्यक्त किया. बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव श्री अजय सिंह भी उपस्थित थे.