रायपुर. संविलियन की मांग को लेकर सरकार की ओर टकटकी नजर लगाए बैठे प्रदेश के शिक्षाकर्मियों का इंतजार अब खत्म हो सकता है. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि 5 जून तक हाई-पावर कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद संविलियन पर निर्णय ले लिया जाएगा. जाहिर है जिस तरह से मध्यप्रदेश में शिक्षाकर्मियों का संविलियन कर दिया गया है, इससे साफ है कि छत्तीसगढ़ सरकार भी शिक्षाकर्मियों का संविलियन करने में देरी नहीं करेगी. चुनावी साल में इसे सरकार का सबसे बड़ा दांव माना जा रहा है.

हाल ही में लल्लूराम डॉट कॉम ने सरकार में बैठे उच्च पदस्त सूत्रों के हवाले से ये खबर दी थी कि छत्तीसगढ़ सरकार शिक्षाकर्मियों के मुद्दे पर मध्यप्रदेश का रुख देख रही है. मध्यप्रदेश में संविलियन किये जाने की सूरत में राज्य में भी इसे लागू किया जा सकता है. पिछले दिनों शिवराज कैबिनेट की मुहर लगने के बाद ये तय माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में सरकार जल्द ही शिक्षाकर्मियों के संविलियन का एलान कर देगी.

हालांकि शिक्षाकर्मियों के संविलियन की शर्त क्या होगी, इस मुद्दे पर रुख साफ नहीं है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाई गई कमेटी के सामने आने के बाद ही यह स्थिति साफ हो पाएगी.

आपकों बता दें कि संविलियन को लेकर छत्तीसगढ़ के एक लाख 80 हजार शिक्षाकर्मियों की बेचैनी बढ़ती जा रही है. गुरूवार को मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने ट्वीट किया-मैं सभी शिक्षाकर्मी भाई-बहनों से कहना चाहता हूं कि आपके भविष्य को ध्यान में रखकर हमने एक हाईपावर कमेटी का गठन किया है, जिसकी अध्यक्षता चीफ सेक्रेटरी कर रहे हैं. आप धैर्य रखें, आपकी प्रतीक्षा का परिणाम आपके हित में होगा. पिछले लंबे समय से शिक्षाकर्मी संविलियन की मांग को लेकर आंदोलनरत थे.