दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना आई है. मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता(Rekha Gupta) ने बुधवार को दिल्ली जल बोर्ड (DJB) के वरुणालय मुख्यालय में हुई बैठक के बाद घोषणा की कि सभी अनधिकृत कॉलोनियों को 2028 तक सीवर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा. उन्होंने बताया कि सरकार राष्ट्रीय राजधानी में जल वितरण, उचित सीवरेज प्रणाली और पुरानी तथा टूटी सीवर लाइनों के सुधार का कार्य व्यवस्थित तरीके से करेगी.
सीएम रेखा गुप्ता ने बताया कि दिल्ली सरकार का उद्देश्य 2028 तक सभी अनधिकृत कॉलोनियों को सीवर नेटवर्क से जोड़ना है. यह केवल एक बुनियादी ढांचे का प्रोजेक्ट नहीं है, बल्कि यह स्वच्छता, स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है. इस दिशा में अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे परियोजना को तेजी और गुणवत्ता के साथ लागू करें, ताकि निर्धारित समय सीमा के भीतर दिल्ली की हर कॉलोनी इस सुविधा से लाभान्वित हो सके.
CM रेखा गुप्ता ने जानकारी दी कि दिल्ली में अब तक 1,226 अनधिकृत कॉलोनियों में सीवर लाइनें बिछाई जा चुकी हैं, जबकि 154 कॉलोनियों में कार्य जारी है. सरकार ने अनधिकृत कॉलोनियों में सीवर नेटवर्क स्थापित करने को प्राथमिकता दी है, क्योंकि पूर्व की सरकारों ने इन क्षेत्रों की अनदेखी की थी. हमारी सरकार का उद्देश्य हर कॉलोनी को सीवर नेटवर्क से जोड़ना और प्रत्येक घर में नल के माध्यम से स्वच्छ पानी पहुंचाने के लिए एक कार्य योजना तैयार करना है.
सीएम रेखा गुप्ता ने घोषणा की है कि सभी घरों को सीवर लाइनों से जोड़ा जाएगा और स्थानीय स्तर पर सीवेज ट्रीटमेंट सिस्टम स्थापित किए जाएंगे. दिल्ली सरकार का कहना है कि कई क्षेत्रों में अभी भी पुरानी पानी की पाइपलाइनों और सीवर लाइनों पर निर्भरता बनी हुई है. पानी की बढ़ती मांग को देखते हुए इन पुरानी लाइनों को बदलने की आवश्यकता है. अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे एक चरणबद्ध योजना के तहत इन लाइनों का नवीनीकरण करें.
सरकार का उद्देश्य दिल्ली में जल आपूर्ति में मौजूद असमानताओं को समाप्त करना है. एक आधिकारिक बयान में यह स्पष्ट किया गया है कि अब असमान जल वितरण का युग समाप्त हो चुका है. सरकार का ध्यान इस बात पर है कि सभी नागरिकों को उनके निवास स्थान की परवाह किए बिना स्वच्छ पानी की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध हो सके.
2028 तक, दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में एक व्यापक सीवर नेटवर्क स्थापित किया जाएगा, जो बेहतर शहरी बुनियादी ढाँचे की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. यह पहल राजधानी में सतत विकास और संसाधनों के समान वितरण के प्रति सरकार की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती है.
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