लखनऊ. सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जाति के नाम पर विलाप करने वाले लोग समाज और देश को कमजोर करते हैं. 2017 के पहले प्रदेश में इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतें इनके चेहरों को बेनकाब करती थीं. 40 वर्षों में इंसेफेलाइटिस से पचास हजार से अधिक बच्चों की मौतें हुईं, लेकिन जाति-जाति करने वाले लोग वोट बैंक की राजनीति करते रहे, जो उनकी संवेदनहीनता को प्रदर्शित करती है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में इंसेफेलाइटिस पूरी तरह से नियंत्रण में है. इससे होने वाली मौतों में 96 से 98 प्रतिशत तक की कमी आई है. उन्होंने कहा कि चिकित्सा शिक्षा और आयुष से जुड़े लेक्चरर, असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और चिकित्सा शिक्षा से जुड़े कॉलेजों के प्रिंसिपल नियमित ओपीडी में बैठें. जितने भी पेशेंट देखें, उनकी केस स्टडी तैयार करें. साथ ही चिकित्सा शिक्षा में शोध को बढ़ावा दें.
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सीएम योगी ने मंगलवार को लोकभवन में ‘मिशन रोजगार’ के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि 2017 के पहले उत्तर प्रदेश में विकास की बात तो दूर, यहां के लोगों के सामने पहचान का संकट था. साढ़े छह वर्षों में हमारी सरकार के द्वारा किए गए कार्यों का नतीजा है कि आज यहां का व्यक्ति अपनी पहचान छिपाता नहीं है, बल्कि जो यूपी का नहीं है, वह भी खुद को उत्तर प्रदेश का बताता है.
सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में पिछले साढ़े छह वर्ष में उत्तर प्रदेश ने अपनी स्वास्थ्य सेवाओं को काफी बेहतर किया है. 1947 से 2017 तक प्रदेश में केवल 12 मेडिकल कॉलेज बन पाए थे. आज उत्तर प्रदेश में 65 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें कई क्रियाशील भी हो चुके हैं.
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