Child Care Tips: हर माता-पिता अपने शिशु को अपनी आंखों के सामने बड़ा होता देखना चाहते हैं. चाहते हैं कि बच्चा उनके सामने पल्टी ले. घुटनों के बल चले. पैरों के बल खड़ा हो, दीवार पकड़कर चले. खाना खाना शुरू करे. और भी बहुत कुछ. यह स्वाभाविक भी है. लेकिन कई बार माता-पिता आस-पास के बच्चों को जल्दी चलता और बोलता देखते हैं तो अपने बच्चे से भी अपेक्षा करते हैं. इस दौरान वे न चलने पर मसाज करवाते हैं. जबरन खड़ा करवाते हैं. अगर, आप भी 6 माह से कम उम्र के बच्चे के माता-पिता हैं, तो ऐसा न करें.
अगर, आप ऐसा करेंगे तो इससे बच्चे के शारीरिक, मानसिक विकास में समस्या आएगी. समस्याएं क्या आएंगी इस आर्टिकल में जानते हैं.
Child Care Tips: 6 महीने से कम शिशुओं को खड़ा करने के नुकसान-
हड्डियों पर दबाव पड़ना
5-6 माह के बच्चों की हड्डियां बेहद कमजोर होती हैं. या यूं कहें कि विकसित होने की दिशा में होती हैं. अगर, ऐसे में हम उन्हें चलाने लगेंगे तो पूरा दबाव पैरों पर पड़ेगा. इससे पैरों का एलाइनमेंट बिगड़ जाएगा. हो सकता है कि भविष्य में वे सामान्य बच्चों की भांति न रहें. इसलिए नेचुरली (समय पर 6 महीने से अधिक समय के बाद) उन्हें खड़ा होने दें.
Child Care Tips: हो सकती हैं रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं
6 महीने के बच्चों की रीड्ड की हड्डी नाजुक होती है. यह शरीर का भार नहीं उठा सकती. इसलिए, उन्हें खड़े होने में पूरा समय लेने दें. क्योंकि यह नेचुरल प्रोसेस है. वे स्वयं से खड़े होंगे और चलेंगे. अगर, आप जल्दबाजी करेंगे तो रीढ़ की हड्डी को नुकसान पहुंचेगा. बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है.
मोटर कौशल विकास में बाधा
बहुत जल्दी बच्चे के खड़ा होने या खड़ा होने के लिए दबाव डालने से मोटर कौशल विकास धीमा हो जाता है. शिशु की पैर की मांसपेशियां वजन उठाने के लिए कंफोर्टेबल नहीं होतीं. अगर, हम उन्हें खड़ा करते हैं तो इससे मांसपेशियों में थकान या खिंचाव होगा. इससे उनके आराम और मोटर कौशल पर असर पड़ेगा. अगर, यह प्रभावित हुआ तो समझिए यह उनकी मांसपेशियों के साथ-साथ मानसिक विकास पर भी दबाव डाल सकता है.
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