धमतरी. रमजान के मुबारक महीने में मुस्लिम भाई-बहन रोजा रख रहे हैं. घर-घर में पाक कुरान की तिलावत हो रही है. भीषण गर्मी के इस मौसम में भी लोग 14 से 15 घंटे तक रोजा रखकर इबादत में मशरूफ हैं. रोजेदारों का कहना है कि अल्लाहताला अपने नेक बंदों का ही इम्तेहान लेता है. हम उनका शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने हमें रमजान का मुबारक महीना अता फरमाकर रोजा रखने की तौफिक दी.

इस्लाम में रोजे की अपनी अलग अहमियत है. जामा मस्जिद के साबिक पेश ईमाम मौलाना गौस रजा कादरी ने बताया कि रमजान का मुबारक महीना बड़ा तारीखी महीना है. अल्लाह पाक ने हमारी हिदायत के लिए कुरान शरीफ इसी मुबारक महीने में नाजिल फरमाया. यह पूरा महीना रहमत और नूर से ऐसा मामूर होता है कि इसका चांद नजर आते ही मोमिन के चेहरे पर ईमानी नूर जगमगाने लगता है.

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बड़े से बड़े गुनहगार भी पेश करते हैं नजराना

मौलाना तनवीर रजा ने बताया कि रमजान महीने की एक रात को शबेकद्र कहा गया है. जो खैर और बरकत के एतबार से हजार महीनों से भी अफजल है. इस रात की अलग एहमियत है. मदरसा गौसिया रजविया के संस्थापक हाफिज कारी हाजी मोहम्मद अल्ताफ रजा ने बताया कि रमजान इबादत का खास महीना है. इस मुबारक महीने में अल्लाह के बंदे अपने रब का ईनाम पाने के लिए इबादतें करते हैं. 11 महीने मस्जिद से दूर रहने वाले, बड़े से बड़े गुनाहगार भी अल्लाह की रहमत पर यकीन रखते हुए अल्लाह के घर में अपने सजदों के नजराने पेश करते नजर आते हैं.

बच्चे भी रख रहे रोजा

रमजान के महीने में नन्हें-नन्हें बच्चे भी बड़े अदब और एहतराम से रोजा रख रहे हैं. आफजा, फिरदोस, परवीन फातिमा, साजिया फातिमा, सलमान रजा ने बताया कि रोजा रखने से उन्हें बड़ा सुकून मिलता है.