मनोज उपाध्याय, मुरैना। सरकारी स्कूलों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और नौनिहालों को बेहतर माहौल देने के लिए सरकार भले ही तमाम प्रयास कर रही हो, लेकिन मुरैना जिले के पोरसा में तैनात शिक्षक सरकार की मंशा पर पानी फेरते नजर आ रहे हैं। जिन छात्रों के हाथों में कलम और किताब होनी चाहिए, उन हाथों से मासूम बच्चे स्कूल परिसर में ईंट, गिट्टी और सीमेंट से मसाला बनाकर ढो रहे हैं। बच्चों से मजदूरों जैसा काम करवाया जा रहा है। जिसका वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
पूरा मामला पोरसा के वार्ड क्रमांक नौ में स्थित शासकीय प्राथमिक सकूल दुर्ग का है। यहां नौनिहालों को पढ़ाने के बजाय मास्टर साहब द्वारा उनसे स्कूल की गिट्टी ढोने और घास साफ कराने का काम कराया जा रहा है। वायरल वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि स्कूल परिसर में जल जीवन मिशन के तहत ठेकेदार द्वारा नल प्लेटफॉर्म का निर्माण करवाया जा रहा है। उसके लिए एक व्यक्ति सीमेंट, गिट्टी का मसाला बना रहा है और बच्चे तसला में मसाला ले जा रहे हैं। साथ ही कुछ बच्चे ईंट उठा रहे हैं। कुछ बच्चों से सफाई भी कराया जा रहा है। जबकि ये काम ठेकेदार को लेबर से करवाना था, लेकिन यहां मजदूर दिखाई नहीं दे रहे हैं और मजदूरों का काम बच्चों से करवाया जा रहा है।
विडंवना इस बात की है कि जब बच्चों से काम करवाया जा रहा है तो शिक्षकों ने इसका विरोध क्यों नहीं किया। स्कूल स्टाफ की लापरवाही से बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ा किया गया। बच्चों से मजदूरों की तरह काम क्यों कराया गया? इसका जवाब तो शिक्षक ही देंगे। वहीं लोगों का कहना है कि इस मामले में ठेकेदार और शिक्षक दोनों पर कार्रवाई होनी चाहिए। नौनिहालों के साथ इस तरह का व्यवहार सही नहीं है।
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