नई दिल्ली। अब बच्चे कंडोम का विज्ञापन नहीं देख सकेंगे. जी हां सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने सभी टीवी चैनलों को एक अडवाइजरी जारी की है और कहा है कि कंडोम का विज्ञापन रात 10 बजे के पहले नहीं दिखाए जा सकते हैं. अब कंडोम का विज्ञापन सिर्फ और सिर्फ रात के 10 बजे से सुबह के 6 बजे के दौरान ही दिखाया जाएगा.

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का मानना है कि ऐसे विज्ञापन अश्लील होते हैं और इनका असर बच्चों पर बहुत बुरा पड़ता है. मंत्रालय ने केबल टेलीविजन नेटवर्क रूल्स का हवाला देते हुए कहा कि जिस भी विज्ञापन से बच्चों की सुरक्षा को खतरा पहुंचता हो या फिर जो गलत हरकतों के प्रति उनमें दिलचस्पी पैदा करते हों, उन्हें दिखाया जाना गलत है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि अगर एडवाइजरी का पालन नहीं होगा, तो इस पर कड़ा ऐक्शन लिया जाएगा.

हालांकि इस अडवाइजरी पर कंपनियों और एडवरटाइजर्स की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है. कंपनियों का कहना है कि कंडोम के सभी ऐड अश्लील नहीं हैं. कामसूत्र ब्रांड के प्रवक्ता का कहना है कि कंडोम के ऐड पर पूरी तरह से रोक गलत है. उन्होंने कहा कि विज्ञापनों में अश्लीलता को सेल्फ रेगुलेशन के जरिए रोका जाना चाहिए.

वहीं एफसीबी इंडिया के ग्रुप चेयरमैन रोहित ओहरी ने कहा कि अगर सनी लियोनी वाला ऐड अश्लील हो, तो उसे रोका जाना चाहिए. लेकिन पूरी कंडोम ऐडवर्टाइजिंग को रेग्युलेट नहीं करना चाहिए. उन्होंने ये भी कहा कि अपने देश में हायर क्लासेस में सेक्स और बर्थ कंट्रोल एजुकेशन शुरू करना चाहिए, ताकि किशोरावस्था में प्रेगनेंसी को रोका जा सके.

गौरतलब है कि हाल ही में ऐडवर्टाइजिंग स्टैंडर्ड्स काउंसिल ऑफ इंडिया ने मंत्रालय से इस बारे में सुझाव मांगा था कि रात 11 बजे से सुबह 5 बजे के बीच ‘काफी स्पष्ट सेक्शुअल कंटेंट’ वाले कंडोम एडवर्टाइजमेंट्स के टीवी प्रसारण को रोकना चाहिए या नहीं.

कई विज्ञापनों पर रोक लगाने की है जरूरत

वहीं कई लोगों ने बताया कि न सिर्फ कंडोम बल्कि कई विज्ञापनों पर रोक लगाने की जरूरत है. डियोडरेंट के भी कई ऐड जिसमें खुलेआम सेक्सी शब्द का यूज किया जाता है, उस पर रोक लगनी चाहिए, क्योंकि बच्चे खुलेआम सेक्सी-सेक्सी शब्द बोलने लग जाते हैं, जबकि उन्हें इसका अर्थ पता नहीं होता.

यहां तक कि चॉकलेट्स के ऐड को, टूथपेस्ट तक के ऐड को सेंसुअस बनाया जा रहा है. कई लोगों ने ये भी कहा कि सैनिटरी नैपकिन का ऐड भी दिनभर चलता है, जिसके कारण बच्चे अक्सर उसके बारे में पैरेंट्स से पूछते हैं. कभी-कभी उन्हें माता-पिता का उत्तर समझ तक में नहीं आता.

वहीं कई विज्ञापनों में दिखाया जाता है कि अगर इस पेन से लिखा जाए, तो आप बहुत नंबर ले आओगे, कोई हेल्थ ड्रिंक पी लोगे, तो बहुत स्ट्रॉन्ग बन जाओगे या फिर लंबे हो जाओगे. कुछ ऐड में दिखाया जाता है कि किसी प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से किसी व्यक्ति को खास अटेंशन मिलने लगता है. ऐसे ऐड बच्चों के कोमल दिलोदिमाग पर बुरा असर डालते हैं. बच्चों को मेहनत से मिलने वाली सफलता और अटेंशन से दूर ले जाते हैं और खास बनने का आसान रास्ता बताते हैं, उन्हें भ्रमित करते हैं. बच्चों को लगता है कि वे किसी खास प्रोडक्ट के इस्तेमाल से ही विशेष बन सकते हैं और सबका चहेता बन सकते हैं. ऐसे विज्ञापनों पर भी रोक लगाना जरूरी है.