अरविन्द मिश्रा, बलौदाबाजार. हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों का जश्न मनाता है. जिले की इन महिला शिक्षकों की उपलब्धि की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है.

हम बात कर रहे हैं, जिले मुख्यालय बलौदाबाजार के सिविल लाइन स्थित शासकीय नवीन शाला के महिला शिक्षकों की, जो कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एक प्रेरणा बनकर सामने आई हैं. यंहा लगभग 16 महिला शिक्षिका हैं. जो की विद्यालय में अध्ययनरत छात्र- छात्राओं को अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा दे रही हैं. शासकीय विद्यालय होते हुए भी यहां प्राथमिक स्तर से लेकर मिडिल स्तर के बच्चों को अंग्रेजी माध्यम से हर विषय की पढ़ाई कराते हैं और यहां के प्रत्येक छात्र अंग्रेजी के माध्यम से हर विषय की पढ़ाई कराते हैं.

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एहुति वर्मा प्रभारी प्रधान पाठक ने बताया कि, विद्यालय में अध्ययनरत जितने भी छात्र-छात्राएं हैं, वह सभी बीपीएल और मध्यमवर्गीय परिवार से आते हैं. यहां के महिला शिक्षकों की एक सोच है कि, हमें इन बच्चों की सर्वांगिण विकास के लिए ऐसे बच्चों को चुनना है जो कि आगे चलकर एक अच्छा लक्ष्य तैयार करें.

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वहीं इस स्कूल के बारे में जानने के बाद एसडीएम प्रतिष्ठा ममगाई पहुंची, जहां उन्होंने स्कूल की शिक्षा व्यवस्था को लेकर तारीफ की और वहां जितनी भी महिला शिक्षिका हैं उनको शुभकामनाएं दी कि शासकीय स्कूल होने के बाद भी बच्चों को अंग्रेजी के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है जो कि एक बहुत अच्छी बात है. यहां पढाई कर रही छात्रा डाली जायसवाल ने बताया कि, उसके पापा टाइल्स फिटर हैं, आर्थिक स्थिति सही नहीं है इसलिए यहां पढ़ाई कर रही है. यहां आकर अच्छा लग रहा है पढ़ाई बहुत
अच्छी होती है.

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हालांकि इस स्कूल में शिक्षा को लेकर कोई कमी नहीं है लेकिन वर्तमान में यह स्कूल मूलभूत सुविधाओं के अभाव के चलते पीछे है. पढ़ने वाले छात्रों ने बताया कि, किचन शेड और वॉशरूम की अच्छी व्यवस्था नहीं है. जिसको लेकर प्रशासनिक स्तर पर आवेदन दिए जाएंगे. यहां यह बताना भी जरूरी है कि शासन ने यहां बहुत अच्छी पहल की है और शिक्षक से लेकर रसोईया भृत्य सभी महिला हैं और ये सभी आपसी समन्वय से सभी कार्यों को बखूबी अंजाम दे रही हैं.