लक्ष्मीकांत बंसोड़, बालोद. राज्य सरकार की मिड डे मील (mid day meal) योजना का बालोद जिला के आदिवासी विकासखंड डौंडी स्थित हिंदी और इंग्लिश मीडियम प्राइमरी स्कूल में मखौल उड़ाया जा रहा है. मध्याह्न भोजन में महिला समूह द्वारा पानी की तरह फीकी दाल और 119 बच्चों के पीछे 2 किलो आलू, 1 किलो मटर की सब्जी बनाकर बच्चों के हिस्सें में डाका डाला जा रहा है. हालात ये है कि दोबारा भोजन लेने पर बच्चों को ना तो सब्जी मिलती है ना ही दाल नसीब हो होती है.

इसके चलते हैं बच्चे पेट भर भोजन भी नहीं कर पा रहे हैं. पलकों की मानें तो इसके पहले स्थिति इससे भी बदतर थी. लेकिन लगातार शिकायत करने के बाद कुछ सुधार हुआ था लेकिन वह पर्याप्त नहीं है. मामले से कलेक्टर को अवगत कराए जाने पर मीडिया के माध्यम से जानकारी मिलने की बात करते हुए जांच टीम बनाकर जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया गया है.

दोबारा नहीं मिलती सब्जी और दाल

पालक समिति की उपाध्यक्ष नम्रता शुक्ला की मानें तो इस स्कूल में बच्चे पढ़ाई करते हैं जिनके लिए समूह के लोग यहां खाना बनाते हैं. उसके लिए 5 रुपये से अधिक हर बच्चे के हिसाब से पैसा मिलता है. लेकिन समूह बच्चों को सही खाना नहीं दे पा रहे हैं. बच्चों को सब्जी सही नहीं मिलती. कभी-कभी घर से ही टिफिन लाते हैं.

छात्रा मनीषा ने बताया कि हम लोगों को पर्याप्त मात्रा में स्कूल के भोजन में सब्जी नहीं मिलती. दोबारा चावल लेते हैं तो कभी भी सब्जी नहीं मिलती. घर में हम लोग भर पेट खाते हैं. लेकिन स्कूल में उस हिसाब से भोजन नहीं मिल पाता.

सरकार समय पर पैसा नहीं देती..

पालक विनोद कुमार पाटिल ने बताया कि बच्चों को सही खाना नहीं मिल पाता है. समहू के लोग मध्याह्न भोजन चलाते हैं. रसोइयों को कम सब्जी दाल देते हैं और समहू के लोगों को कहते हैं तो वो साफ कह देते हैं कि हमें सरकार समय पर पैसा नहीं देती है. बहुत कम पैसा आता है. इसलिए हम कम सब्जी देते हैं. यहां तो बहुत दे देते हैं बाकी जगह तो बहुत कम देते हैं.

वहीं इस पूरे मामले में कलेक्टर इंद्रजीत सिंह चन्द्रवाल ने कहा कि इस पूरे मामले की जानकारी लल्लूराम डॉट कॉम के द्वारा मिल रही है. बहुत जल्द डीईओ को बोलकर जिला स्तरीय जांच समिति द्वारा जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी.