कुंदन कुमार / पटना। राजधानी पटना की दीवारों पर इन दिनों एक पोस्टर चर्चा का विषय बना हुआ है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के कार्यकर्ताओं द्वारा लगाया गया इस पोस्टर में चिराग पासवान को “बिहार का भावी मुख्यमंत्री” बता दिया है। इस पोस्टर ने न सिर्फ राजधानी की सियासी फिजा को गर्म कर दिया है, बल्कि एनडीए गठबंधन में मुख्यमंत्री पद को लेकर एक नई बहस भी छेड़ दी है।
“बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट भावी मुख्यमंत्री चिराग पासवान
पोस्टर में चिराग पासवान की तस्वीर के साथ बड़े अक्षरों में लिखा गया है “बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट भावी मुख्यमंत्री चिराग पासवान। यह संदेश स्पष्ट करता है कि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) अब एनडीए गठबंधन के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी दावेदारी को लेकर खुलकर सामने आ गए है। चिराग पासवान लंबे समय से ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ के नारे के साथ जनमानस में अपनी साख बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उनके समर्थकों और पार्टी नेताओं की ओर से लगातार उन्हें बिहार की राजनीति में सक्रिय होने, विधानसभा चुनाव लड़ने और नेतृत्व संभालने का आग्रह किया जा रहा है। लेकिन अब यह मांग सिर्फ पार्टी के अंदरुनी दायरे में सीमित नहीं रही, बल्कि पोस्टर के जरिए यह संदेश सार्वजनिक रूप से दिया जा चुका है।
नीतीश कुमार को ही अगला मुख्यमंत्री पद का चेहरा बताया
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चिराग की यह दावेदारी एनडीए के भीतर खींचतान का संकेत है। खासकर तब जब भाजपा, जेडीयू, हम (मांझी की पार्टी) और अन्य घटक दलों ने नीतीश कुमार को ही अगला मुख्यमंत्री पद का चेहरा बताया है।
गठबंधन के साथ चलने को तैयार नहीं?
चुनाव से पहले इस तरह के पोस्टर सामने आना यह संकेत देता है कि चिराग पासवान सिर्फ गठबंधन के साथ चलने को तैयार नहीं, बल्कि नेतृत्व की भूमिका में भी रहना चाहते हैं। इससे एनडीए के भीतर एक नई राजनीतिक चुनौती खड़ी हो सकती है। अब देखना यह होगा कि एनडीए इस आंतरिक प्रतिस्पर्धा को कैसे संतुलित करता है और चिराग पासवान को क्या भूमिका दी जाती है। आने वाले विधानसभा चुनावों में यह मुद्दा निश्चित तौर पर सुर्खियों में रहेगा।
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