Chirag Paswan News: बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और एनडीए व महागठबंधन में सीट बंटवारे की चर्चाएं जोरों पर हैं. महागठबंधन में लगातार बैठकें हो रही हैं, वहीं एनडीए के नेता दावा कर रहे हैं कि सीटों का बंटवारा आसानी से हो जाएगा, जैसा लोकसभा चुनाव में हुआ था. लेकिन क्या यह इतना सरल है? यह सवाल उठ रहा है.

चिराग की पार्टी को मिल सकते हैं 30 सीट

एनडीए में बीजेपी और जेडीयू सीट बंटवारे का खाका तैयार कर रहे हैं, लेकिन चिराग पासवान और जीतन राम मांझी जैसे सहयोगी क्या इस पर सहमत होंगे? सूत्रों के मुताबिक, 243 सीटों में बीजेपी और जेडीयू को 102-102 सीटें, चिराग पासवान की पार्टी को 28, मांझी की पार्टी को 7 और उपेंद्र कुशवाहा को 4 सीटें मिल सकती हैं. अगर चिराग नहीं मानते, तो बीजेपी-जेडीयू एक-एक सीट कम कर चिराग को 30 सीटें दे सकते हैं.

70 सीटों की मांग कर रही है LJPR

लेकिन चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि, वे एनडीए की बैठक में 70 सीटों की मांग रखेंगे. पार्टी कम से कम 40 सीटों के लिए दबाव बनाएगी, और अगर बात नहीं बनी तो 35 सीटों से कम पर नहीं मानेगी. अगर चिराग की मांगें बरकरार रहीं, तो बीजेपी और जेडीयू को 100 से कम सीटों पर आना पड़ सकता है.

20 सीटों पर मांझी की नजर

वहीं, मांझी की पार्टी भी 15-20 सीटें मांग रही है, लेकिन अगर चिराग को 35 सीटें मिलती हैं, तो मांझी को 7 सीटें दी जा सकती हैं, जैसा 2020 में हुआ था, जब उन्होंने 7 में से 4 सीटें जीती थीं. इस हिसाब से चिराग को 35, मांझी को 7 और कुशवाहा को 4 सीटें मिलेंगी, यानी कुल 46 सीटें. बाकी 197 सीटों का बंटवारा बीजेपी-जेडीयू के बीच 98-99 के फॉर्मूले पर हो सकता है.

243 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं चिराग

सीट बंटवारे को लेकर एनडीए में खींचतान की संभावना बनी हुई है, और गठबंधन की मजबूती इस बात पर निर्भर करेगी कि सभी दल आपसी सहमति से कितना त्याग करने को तैयार हैं. वहीं, दूसरी ओर चिराग पासवान ने यह ऐलान किया था कि उनकी पार्टी सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. हालांकि यह देखने वाली बात होगी की, एनडीए में जब सीटों का बंटवारा होगा तब किसे कीतनी सीटें मिलती हैं. यदि चिराग और उनकी पार्टी अपनी मांगों पर अड़ी रही तो, यह बीजेपी और एनडीए दोनों के लिए नुकसान हो सकता है.

2020 में केवल मिली थी एक सीट

विधानसभा चुनाव 2020 में उनकी पार्टी का प्रदर्शन कैसा था. 2020 में लोजपा ने राज्य की 137 सीटों पर चुनाव लड़ा था और केवल एक सीट ही जीत पाई थी. इसके अलावा लोजपा केवल 9 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही थी. बाकी सीटों पर पार्टी का प्रदर्शन बहुत निराशाजनक रहा था. लोजपा को 2020 के चुनाव में केवल 5.66 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे.

बता दें कि भले ही 2020 के चुनाव में चिराग को 1 ही सीट मिली हो, लेकिन 137 सीटों पर चुनाव लड़कर बीजेपी और जदयू के वोटबैंक में जमकर सेंधमारी की थी, जिसका सीधा फायदा राजद को पहुंचा था. 75 सीटों के साथ राजद सबसे बड़ी पार्टी बनी थी. वहीं, बीजेपी को 74 और जदयू को 43 सीट मिली थी.

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