राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। अयोध्या के बाद मध्य प्रदेश के चित्रकूट में सबसे बड़ा धार्मिक स्थल बनाया जाएगा। चित्रूकट श्रीराम का दूसरा सबसे बड़ा धार्मिक स्थल बनेगा। राम वन गमन पथ निर्माण का खाका तैयार किया गया है। 1450 किलोमीटर मार्ग विकसित किया जाएगा। राम वन पथ गमन मार्ग के 23 प्रमुख धार्मिक स्थल जागृत होंगे।
मंगलवार को सतना जिले के चित्रकूट में श्री रामचंद्र पथ गमन न्यास की पहली बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने की। इस मीटिंग में राम वन गमन पथ का रोडमैप तैयार किया गया है। सीएम मोहन ने कहा कि चित्रकूट का विकास अयोध्या की तरह होगा। श्री राम भगवान पथ गमन मार्ग के सभी स्थलों का विकास किया जाएगा। विकास की कार्य योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। राम वन पथ गमन मार्ग के सभी प्रमुख स्थलों का विकास किया जाएगा। इसके लिए पूरी कार्य योजना बनाकर उसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा।
सबसे बड़ा धार्मिक स्थल
मुख्यमंत्री ने कहा कि चित्रकूट का अयोध्या की तरह विकास कर इसे भगवान राम के जीवन से जुड़ा सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बनाया जाएगा। विद्वानों के परामर्श से राम वन पथ गमन के प्रमुख स्थलों का विकास किया जाएगा। चित्रकूट के दीवाली मेले और अमावस्या मेले में रामकथा और राम के जीवन से जुड़ी प्रदर्शनी व राम वन पथ गमन से जुड़ी जानकारियां प्रदर्शित करायें। इनका व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें।
चार रूट का होगा विकास
पहला रूट
168 किलोमीटर
सतना में सीता रसोई, आत्रि आश्रम, स्फटिक शिला, गुप्त गोदावरी, अश्वमुनि आश्रम, सुतीक्ष्ण आश्रम, सिदधा पहाड़, रामसेल, पन्ना का बहस्पति कुंड
दूसरा रूट
428 किलोमीटर
बृहस्पति कुंड, सुतीक्ष्ण आश्रम, अगस्त्य आश्रम, सतना में रामजानकी मंदिर, उमरिया में मार्कडेय आश्रम, राम मंदिर, दशरथ घाट, शहडोल में सीतामढ़ी
तीसरा रूट
378 किलोमीटर
रामजानकी मंदिर से कटनी की सीमा में शिव मंदिर, जबलपुर मंे रामघाट, नर्मदापुरम में श्रीराम मंदिर पासी घाट, श्रीराम मंदिर माच्छा घाट
चौथा रूट
476 किलोमीटर
छत्तीसगढ़ के हरचैक से मप्र के शहडोल में सीतामढ़ी गंधिया, अनूपपुर में सीतामढ़ी कनवाई, अमरकंटक होते हुए जबलपुर में रामघाट, पिपरिया
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