25 दिसंबर को क्रिसमस की तैयारियों को लेकर मध्य प्रदेश में तैयारियां जोर शोर से की जा रही है। प्रदेश भर के चर्चों को सजाया जा रहा है। इन तैयारियों के बीच प्रदेश के कई ऐसे चर्च हैं जो ऐतिहासिक है और इनसे जुड़ी कई कहानियां हैं। हम आपको बताने जा रहे हैं एमपी के कई ऐसे भव्य और सुन्दर चर्च के बारे में जो 200 साल से भी ज्यादा पुराने हैं। लेकिन आज भी उनकी सुंदरता बरकरार है। और सालों बाद भी लोग इन चर्च की चर्चा करते हैं।   

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ऑल सेंट्स चर्च, सीहोर

एशिया का दूसरे नंबर का सबसे सुंदर चर्च  है सीहोर का ऑलसेंट्स चर्च। पुराने स्टेट हाईवे किनारे स्थित ऑलसेंट्स चर्च अंग्रेजी हुकूमत की गवाह है। 182 साल पुराने इस चर्च का निर्माण में करीब 27 साल लगे थे। सीहोर का ऑलसेंट्स चर्च एशिया का सबसे सुंदर दूसरे नंबर का चर्च माना जाता है। ऑलसेंट्स चर्च का निर्माण सन् 1834 में अंग्रेजी हुकुमत के पहले पॉलिटिकल एजेंट जेडब्ल्यू ओसबार्न ने अपने भाई की याद में बनवाया था। 

सेंट राफेल चर्च, सागर

सेंट राफेल चर्च ( St. Raphael’s Church) जिसे अब सेंट थेरेसा कैथेड्रल ( St. Theresa’s Cathedral ) के रूप में जाना जाता है, सागर (सौगोर) का सबसे पुराना कैथोलिक चर्च है। मिशनरी की उपस्थिति 1850 के दशक के अंत में शुरू हुई। सागर में पहला रिकॉर्डेड बपतिस्मा 1 जनवरी, 1863 को हुआ था। सेंट राफेल चर्च की नींव रेवफ्रा ने रखी थी। 

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रेड चर्च, इंदौर

चर्च अस्सी कैथेड्रल के सेंट फ्रांसिस ( St. Francis ) के रूप में भी जाना जाता है। लाल चर्च इंदौर शहर में एक प्रतिष्ठित इमारत है। 

व्हाइट चर्च, इंदौर  

शहर के बीचों बीच सिर उठाकर खड़ी सफेद शफ्फाक इमारत, व्हाइट चर्च, क्रिश्चियन समाज के लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। व्हाइट चर्च को सैंट्रल इंडिया के सबसे पुराने चर्च का दर्जा प्राप्त है।

क्राइस्ट चर्च, ग्वालियर

ग्वालियर ब्रिटिश आर्मी का गढ़ रहा हैं और उनके समय में कई चर्च और इमारतों का निर्माण भी करवाया गया। इसके अलावा सिंधिया शासकों ने कई निर्माणों में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई है. यहां एक चर्च करीब 243 साल पुराना है।

सेंट फ्रांसिस असिसि कैथेड्रल चर्च, भोपाल

करीब 150 वर्ष पुराने कैथोलिक ईसाई समुदाय के इस चर्च को पोप पॉल चतुर्थ द्वारा आर्च डायसिस ( Arch diasis ) का दर्जा प्रदान किया गया। यह मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल ( bhopalChurch ) में मौजूद है। 

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