अजयारविंद नामदेव, शहडोल। नगर पंचायत से नगर परिषद बनने के बाद से ही विवादों के घेरे में रही नगर परिषद बकहो एक बार फिर विवादों में घेरे में है। नगर परिषद में बिना काम के वेतन लेने वाले मास्टररोल कर्मचारियों का वेतन रुकने के बाद कुछ राजनैतिक दल के समर्थकों ने नगर परिषद में हंगामा करते हुए विरोध जताया। मामला थाने तक जा पहुंचा।

बता दें कि यह वही नगर परिषद है जहां एक संविदा कर्मी सहित 52 मानदेय कर्मचारियों की फर्जी तरीके से भर्ती मामले में संयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन एवं सीएमओ सहित 5 अधिकारी निलंबित हुए थे। जिसके बाद से बिना सीएमओ के नगर परिषद चल रही है। जिससे आए दिन कुछ न कुछ विवाद की स्थित बनी रहती है ।

जिले के नगर परिषद बकहो में 75 मास्टररोल कर्मचारियों का हर माह वेतन दिया जाता था, जिसमें सफाई कर्मचारी भी शामिल थे, लेकिन दिसंबर में सीएमओ के सस्पेंड होने के बाद से कर्मचारियो का वेतन बंद था। वर्तमान में सीएमओ का प्रभार बुढार तहसीलदार मीनाक्षी बंजारे को दिया गया है। जिसके बाद से 75 कर्मचारियों में से 54 मस्टरोल कर्मचारियों का ही वेतन तैयार किया गया। 21 ऐसे कर्मचारी जो कि बिना काम के वेतन ले रहे थे उन कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया। जो कि स्थानीय राजनेताओं के रिश्तेदार है।

इसी बात का फायदा उठाते हुए ये कर्मचारी राजनेताओं के साथ मिलकर नगर परिषद दफ्तर में विरोध में हंगामा खड़ा कर दिया। वेतन रुकने से नाराज कर्मचारियों ने राजनेताओं के साथ मिलकर दबाब बनाने के लिए नगर परिषद स्वच्छता निरीक्षक राजू सोनी पर शराब पीकर कार्यालय में काम करने का आरोप लगाते हुए अमलाई थाने में शिकायत भी की। मामला थाने पहुंचने के बाद पुलिस ने कर्मचारी का एल्कोहल टेस्ट कराया। जिसमें पाया गया कि कर्मचारी शराब का सेवन नहीं किया था, उसके उपर लगाए गए आरोप निरधार थे।

बता दें कि यहां एक संविदा कर्मचारी सहित 52 मानदेय कर्मचारियों का संविलियन नियमविरुद्ध तरीके से नियमित पदों पर भर्ती कर दिया गया था। मामले की शिकायत के बाद सयुक्त संचालक नगरीय प्रशासन (जेडी) व 2 सीएमओ सहित पांच अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। जिसके बाद से आए दिन इस तरह की विवाद की स्थिति निर्मित होती रही है।

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