Civil Lines Leopard News: जयपुर के सिविल लाइंस इलाके में गुरुवार सुबह एक तेंदुए की मौजूदगी से हड़कंप मच गया. करीब 7:30 बजे तेंदुआ टाइनी ब्लॉसम सीनियर सेकेंडरी स्कूल में घुसता हुआ दिखा. स्टाफ ने एहतियात बरतते हुए सभी छात्रों को कक्षाओं में सुरक्षित कर दिया. करीब 9 बजे तेंदुआ स्कूल परिसर से निकलकर पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बंगले के पास पहुंचा और फिर जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत के सरकारी आवास में दाखिल हो गया. हाउस गार्ड ने सीसीटीवी फुटेज देखकर इसकी पुष्टि कर वन विभाग को सूचना दी.

रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी क्यों हुई

वन्यजीव चिकित्सक डॉ. अशोक तंवर के अनुसार, टीम के पहुंचने तक तेंदुआ लगातार लोकेशन बदल रहा था. वह मंत्री के आवास से निकलकर दोबारा कॉलोनी में चला गया, जिससे ट्रेंकुलाइज करने में लगभग डेढ़ घंटे का समय लग गया. बाद में जब तेंदुआ पास के एक घर की पिछली लॉबी में लंबे समय तक छिपा रहा, तो टीम ने बर्तन और बाल्टी फेंककर उसे बाहर निकालने की कोशिश की. उसके बाहर आते ही उसे बेहोश कर सुरक्षित तरीके से पकड़ लिया गया.

संवेदनशील इलाके में बढ़ी चिंता

सिविल लाइंस वह क्षेत्र है जहां राजभवन, मुख्यमंत्री निवास और कई मंत्रियों व अधिकारियों के घर स्थित हैं. ऐसे संवेदनशील इलाके में तेंदुए की मौजूदगी ने सुरक्षा और वन्यजीव प्रबंधन को लेकर नई चिंताएं पैदा कर दी हैं. यह घटना किसी एक मामले तक सीमित नहीं है. हाल के महीनों में जयपुर के कई इलाकों में लेपर्ड मूवमेंट दर्ज हुई है. गुर्जर घाटी में तेंदुए की पिटाई कर हत्या और गोपालपुरा बाईपास स्थित एनबीसी कंपनी परिसर में तेंदुए के दिखने की घटनाएं इसका उदाहरण हैं.

तेंदुआ शहरी क्षेत्र में कैसे पहुंचा

प्रधान मुख्य वन संरक्षक शिखा मेहरा ने कहा कि एनिमल कनफ्लिक्ट की स्थितियों में विभाग की प्राथमिकता इंसान और वन्यजीव दोनों की सुरक्षा होती है. विशेषज्ञों का मानना है कि भोजन की तलाश में वन्यजीवों का शहर की ओर रुख करना और जंगलों में बढ़ता मानवीय हस्तक्षेप पारिस्थितिकी तंत्र में बदलाव का संकेत है. अब विभाग यह जांच कर रहा है कि तेंदुआ जंगल से निकलकर इतना भीतर शहरी क्षेत्र तक कैसे पहुंच गया.

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