हेमंत शर्मा,रायपुर. प्रदेश में हाल ही में हुई घटनाएं और प्रशासनिक अराजकता के खिलाफ आवाज बुलंद करने नागरिक समाज ने आज एक दिवसीय धरना दिया.इस धरना प्रदर्शन में  समाज के बुद्धिजीवी,किसान, और आम शामिल हुए. इस मौके पर बीते दिनों हुई तीन घटनाओं का जिक्र करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व विधायक वीरेंद्र पांडेय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है.

छत्तीसगढ़ में लगता है जैसे अघोषित आपातकाल है. छत्तीसगढ़ में यह देखने में आ रहा है कि राजनीतिक नेतृत्व बौना हो गया है. और प्रशासनिक नेतृत्व अराजक हो गया है. जैसा कि पहले दिलीप सिंह जूदेव ने कहा था. हम सरकार से कहना चाहते हैं कि लोगों के संवैधानिक अधिकार और असहमति को भी सुनने की क्षमता पैदा करें.

सरकार मारक शक्ति का कर रही प्रयोग

सरकार के पास दो तरह की शक्तियां होती हैं. एक तारक शक्ति और एक मारक शक्ति पर सरकार सिर्फ मारक शक्ति का प्रयोग कर रही है. इसी बात को लेकर आज नागरिक समाज एक दिवसीय सांकेतिक धरना प्रदर्शन कर रहा है. वहीं वीरेंद्र पांडेय ने बीते दिनों की तीन घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि, महासमुंद विधायक के ऊपर लाठीचार्ज किया और आप पार्टी के कार्यकर्ता प्रधानमंत्री को ज्ञापन देने टिकट खरीदकर एयरपोर्ट उनसे मिलने गए हुए थे और जिन्हें गिरफ्तार करके 11 दिनों के लिए जेल भेज दिया गया था. और तीसरी घटना  पुलिस परिवार का आंदोलन था. उसे कुचलने का प्रयास किया गया. इसीलिए हम सरकार से कहना चाहते हैं कि लोकतंत्र में संवाद कीजिए ताकत से फैसले मत कीजिए.

वहीं इस मामले में नदी घाटी मोरचा के गौतम बंदोपाधयाय का कहना है कि जिस तरह से राज्य सरकार द्वारा संवादहीनता का काम किया जा रहा है वो लोकतंत्र के लिए खतरा है. सरकार जिस तरह से पिछड़े जिलों में किसानों का दमन कर रही है वो गलहै, जो लोग तालाब के किनारे रह रहे हैं उन्हें हटा दिया जा रहै है वो गलत है. आज जिस तरह से सरकार  के फैसले के खिलाफ जो विरोध करता है उसे विद्रोही मान लिया जाता है,जो लोकतंत्र के लिए नुकसान दायक है.