नई दिल्ली। यूट्यूबर मनीष कश्यप की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाए जाने पर सवाल किया. मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया है. यूट्यूबर ने रासुका के तहत अपनी हिरासत खत्म किए जाने की मांग की थी.

तमिलनाडु सरकार की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल से सीजेआई ने पूछा कि मिस्टर सिब्बल, इसके लिए रासुका क्यों लगाई गई? इस पर वकील ने जवाब दिया कि कश्यप के सोशल मीडिया पर 60 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं, और उसके वीडियोज ने अप्रवासी मजदूरों के बीच डर पैदा कर दिया था. साथ ही सिब्बल की तरफ से दावा किया गया कि कश्यप ने सियासी एजेंडा के चलते ये वीडियो बनाए हैं.

एफआईआर को क्लब करने का अनुरोध

एड्वोकेट सिद्धार्थ दवे ने अनुरोध किया है कि तमिलनाडु में दर्ज FIR को क्लब कर बिहार लाया जाए. वहीं, इसके विरोध में उतरे सिब्बल ने तर्क दिया कि कश्यप लोगों का इंटरव्यू करने के बहाने तमिलनाडु में कई जगहों पर पहुंचे और वीडियो पोस्ट किए. ऐसे में ये सारी गतिविधियां अलग हैं और अलग-अलग FIR सही हैं. हालांकि, बेंच ने माना कि सभी एफआईआर का मामला एक जैसा ही नजर आ रहा है.

अगले हफ्ते होगी सुनवाई

फिलहाल, शीर्ष न्यायालय इस मामले पर अगले शुक्रवार को सुनवाई करेगी. वकील दवे का कहना था कि प्रोडक्शन वॉरंट्स के चलते यूट्यूबर को अलग-अलग अदालतों में पेश किया जा रहा है. उन्होंने कोर्ट से अगली सुनवाई तक कश्यप को वहीं रखने का अनुरोध किया, जिसे कोर्ट ने मान लिया.

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