लखनऊ. सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अपराध नियंत्रण के दावे अब जुमला भर रह गए हैं और जनता आतंक तथा भय के माहौल में जीने को विवश है. अखिलेश यादव ने जारी बयान में कहा कि जीरो टॉलरेंस अब जीरो हो गया है. महिलाओं, बच्चियों के अलावा अब बच्चे भी यौन उत्पीड़न के शिकार हो रहे हैं. यह शासन और प्रशासन के लिए शर्म की बात है.

अखिलेश यादव ने कहा कि राजधानी लखनऊ में ही महिलाएं-बच्चियां सुरक्षित नहीं है. मुख्यमंत्री का रोमियो स्क्वाड और गश्ती पुलिस दल वारदातों के समय कहीं दिखाई नहीं देता है. हद तो यह है कि अब अधिकारी स्तर की महिलाएं भी अपनी आबरू नहीं बचा पा रही हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हर चार दिन में एक बच्चा यौन शोषण का शिकार हो रहा है. आंकड़ों से यह सच्चाई स्पष्ट है. अपराध की ये घटनाएं विचलित करने वाली हैं. वाराणसी में वर्ष 2022 में 18 साल से कम उम्र के 46 बच्चे-बच्चियां दुष्कर्म की शिकार हुई. 41 के साथ छेड़खानी की रिपोर्ट दर्ज हुई. वाराणसी कमिश्नरेट के थानों में वर्ष 2022 में बच्चे, बच्चियों से सम्बन्धित 241 मुकदमें दर्ज किए गए.

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सपा अध्यक्ष ने कहा कि वाराणसी में विवाहित महिलाएं घरेलू हिंसा की रोज ही शिकार हो रही हैं. नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार वाराणसी में 485 महिलाओं ने अपने उत्पीड़न के मुकदमें दर्ज कराए. दहेज हत्या के 25 केस दर्ज हुए. 208 महिलाओं का अपहरण हुआ. उन्होंने कहा कि सच तो यह है कि भाजपा सरकार के पास सिर्फ जुमले हैं और बहकाने के लिए झूठे आश्वासन हैं. भाजपा ने बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं, नारी वंदन जैसी योजनाएं सिर्फ दिखावे के लिए शुरू की है. बेटियां सुरक्षित नहीं है और नारी वंदन उनके क्रंदन से अभिशापित है. जनता भाजपा सरकार के निकम्मेपन से ऊब चुकी है और वह अब 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से बेदखल करके ही चैन लेंगी.

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