आप यदि अब तक नोटो पर कुछ लिखते हुए आए है, तो अब जरा सावधान हो जाइये. क्योंकि यदि अब नोटों को लेकर यदि आपने ये जानबूझकर किया तो समझ जाइये कि आपको चपत लगने वाली है. आरबीआई ने अपनी क्लीन नोट पॉलिसी में संसोधन किया है.

 क्लीन नोट पॉलिसी में किए गए संसोधन में यदि धार्मिक या राजनीतिक नारे लिखे पाए गए नोटों को अब न तो बैंक लेंगे, न ही बदलेंगे. बाजार में भी ऐसे नोट मान्य नहीं होंगे.

 आरबीआई के मुख्य महाप्रबंधक संजीव प्रकाश द्वारा जारी संशोधित पॉलिसी के मुताबिक, राजनीतिक या धार्मिक नारों-संदेशों के साथ कोई भी नोट कानूनी निविदा नहीं रह जाएगा. यह सीधे खारिज कर दिए जाएंगे.

क्लीन नोट पॉलिसी के तहत इन नोटो को बैंक को बदलना ही होगा

धब्बे और रंग लगे नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे और उन्हें बैंकों को बदलना ही होगा. ऐसे नोट बैंक पुन: प्रचलन में नहीं लाएंगे. नए दिशानिर्देशों के अनुसार,बैंक के रीजनल या जोनल मैनेजर औचक निरीक्षण करेंगे और आरबीआई को रिपोर्ट करेंगे कि नियमों का पालन हो रहा है या नहीं.

आपके लिए काम की बातें

जानबूझकर काटे या फाड़े गए नोट नहीं बदले जाएंगे. बैंक उन्हें खारिज कर देंगे. इनकी माइक्रो जांच बैंक अफसर करेंगे.

पांच हजार रुपये से कम के कटे-फटे नोट ग्राहक का ब्योरा नोटकर रिफंड होंगे. इससे ज्यादा होने पर नोट करेंसी चेस्ट जाएंगे. इसके बाद 30 दिन में खाते में पैसा आएगा.

कटे-फटे नोट का हिस्सा गायब है या दो से अधिक टुकड़ों में बंटा है तो भी बैंक उसे स्वीकार करेंगे.

बहुत जीर्णशीर्ण नोट, बुरी तरह से जले नोट या गड्डियां बैंक शाखाएं स्वीकार नहीं करेंगी. ऐसे नोट आरबीआई ही भेजे जाएंगे.